सावित्री जिंदल:  गृहिणी से सबसे अमीर महिला बनने की कहानी आप में भी भर देगी हौंसला

punjabkesari.in Sunday, Jul 31, 2022 - 02:32 PM (IST)

भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल से जिंदगी के हर पड़ाव में आगे बढ़ते रहने का हौसला मिलता है। जिस उम्र में लोग काम से रिटायरमेंट ले लेते हैं, सावित्री ने उस उम्र नया मुकाम हासिल किया। स्टील किंग ओपी जिंदल की वाइफ और पूर्व सांसद नवीन जिंदल की मां इतनी बड़े उद्योगपति होने के बावजूद सादगी से जीना पसंद करत हैं। उनके रहन-सहन के तरीके में भी सादगी ही झलकती है। 
 

संपत्ति में हुआ इफाजा

फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक सावित्री जिंदल दुनिया के रईसों में 91वें नंबर और भारत के रईसों में 7वें नंबर पर हैं। उनकी संपत्ति में पिछले दो साल के दौरान तीन गुना का इजाफा हुआ है। एशिया की धनी महिलाओं की लिस्ट में शामिल सावित्री जिंदल को पहले हिसार शहर भी ठीक से नहीं जानता था। उन्होंने 36 साल तक घरेलू महिला की तरह जिंदगी बिताई लेकिन हेलीकॉप्टर हादसे में पति ओमप्रकाश जिंदल की मृत्यु के बाद उन्होंने न सिर्फ जिंदल समूह के चेयरपर्सन का पद संभाला, बल्कि राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए घर के बाहर भी कदम रखा।


सबसे अमीर महिला का मिल चुका है खिताब

फोर्ब्स ने 2008 में उन्हें भारत की सबसे अमीर महिला का खिताब दिया। सावित्री जिंदल कभी कॉलेज नहीं गई इसके बावजूद उन्होंने एक अलग मुकाम हासिल कर लिया। हरियाणा विधानसभा की सदस्य होने के साथ ही वें हरियाणा सरकार में मंत्री भी रही हैं। 20 मार्च 1950 में असम के औद्योगिक शहर तिनसुकिया में जन्मी सावित्री ने 1970 में ओपी जिंदल से शादी की थी। 


 बहन के पति से की थी शादी

ओपी जिंदल की पहली पत्नी और सावित्री की बहन विद्या देवी की मृत्यु के बाद उनके पिता ने उनकी शादी ओपी से तय कर दी थी। तब वे केवल 15 साल की थीं। जब सावित्री ब्याह कर ओपी जिंदल के घर पहुंची तो उनकी बहन के 6 बच्चे थे। आगे चलकर उनके खुद के तीन बच्चे हुए। उन्होंने अपना जीवन एक मामूली गृहणी के तौर पर शुरू किया।


सावित्री ने पति की कंपनी का बढ़ाया टर्नओवर 

अपने नैतिक मूल्यों और काम के प्रति प्रतिबद्धता के साथ पति के मूल्यों को साथ रखते हुए सावित्री जिंदल ने कंपनी के टर्नओवर को बढ़ाया। बिजनेस में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और पति के कदमों पर चलते हुए हिसार असेंबली से चुनाव लड़ा। जहां से वो 2005 और 2009 में जीत हासिल की। इसी के साथ ही वो आपदा एवं राजस्व प्रबंधन और शहरी स्थानीय निकाय और आवास के राज्य मंत्री पद पर भी थीं।


पति की मौत के बाद संभाली कुर्सी

सावित्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- मुझे नहीं पता था कि मेरे पति का व्यवसाय क्या था और उन्होंने कितना कमाया। 2005 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ओपी जिंदल की मृत्यु के बाद उन्हें जिंदल समूह की कुर्सी संभालनी पड़ी। वह जिंदल समूह की सबसे बड़ी संपत्ति जेएसडब्ल्यू स्टील की देखरेख करती है। सावित्री जिंदल के बड़े बेटे पृथ्वीराज, जिंदल सॉ कंपनी के चेयरमैन हैं। वहीं, सज्जन जिंदल ने जेडब्लूएस कंपनी की कमान संभाल रखी है।
 

Content Writer

vasudha