Women Equality Day: पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही इन महिलाओं ने कायम की मिसाल

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2023 - 12:53 PM (IST)

हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं को सम्मान, समान अधिकार दिलाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। बता दें इस दिन को मनाने की पहल अमेरिका से तब हुई जब उन्हें मतदान देने का अधिकार नहीं दिया गया था।  दुनिया के कई हिस्सों में बेटी का संपत्ति पर हक न होना, नौकरी में महिलाओं को समान पद और वेतन न मिलना जैसे कई सारे मामले देखने को मिले, जिससे ये पता चलता है कि महिलाओं की स्थिति कितनी चिंताजनक थी, हालांकि अब महिलाओं ने अपने हक के लिए आवाज उठाना शुरु कर दिया है। आज के समय में भी कई ऐसी महिलाएं हैं जो खेल, राजनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में कुछ महिलाओं की भूमिका दमदार है। वो दूसरी महिलाओं के लिए नारी शक्ति का एक दमदार उदाहरण बन रही हैं। आइए women's equality day पर आपको बताते हैं इन पॉवरफुल महिलाओं के बारे में...

द्रोपदी मुर्मू

राष्ट्रपति भारत देश का सबसे बड़ा पद है और द्रोपदी मुर्मू के हाथ में इस पॉवरफुल पॉजिशन की कमान है और वो महिला समानता की एक बेहतरीन मिसाल है। वो देश की दीसरी महिला राष्ट्रपति हैं। तीन बच्चों की मां द्रौपदी विधवा है, लेकिन पति का साथ छुटने के बाद भी उन्होंने कभी परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके। 

निर्मला सीतारमण

देश की सबसे दिग्गज राजनीतिज्ञों  में निर्मला का नाम सबसे आगे आता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीए सरकार की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसके पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं।

सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति सिर्फ infosys के फाउंडर की पत्नी नहीं है, बल्कि वो खुद  भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर रह चुकी हैं। बता दें अपने जमाने में सुधा इंजीनियरिंग में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने बीवीबी  कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में  फर्स्ट क्लास में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। वो इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। उन्होंने अब तक 8 उपन्यास लिखे हैं और एक active social worker भी हैं।

शिवांगी सिंह

देश की रक्षा में आजकल सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी आगे हैं। आज के समय में भारत की कई बेटियां सेना में उच्च पदों में हैं और देश की सेवा जी जान से कर रही हैं। इन्हीं में से एक हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह , जो भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाने वाली पहली महिला पायलट हैं। इसके पहले वह मिग 21 भी उड़ा चुकी हैं।

मैरी कॉम

मैरी कॉम आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। सिर्फ देश में नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बॉक्सिंग में उन्होंने अपनी दमदार जगह बनाई है, जो एक समय पर सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित था। साल 2012 में ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक, साल 2014 में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली मैरी कॉम को अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

Content Editor

Charanjeet Kaur