सरोगेसी के लिए सख्त हुआ कानून, सरोगेट मदर बनना है तो माननी पड़ेगी ये 7 बातें

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2019 - 04:49 PM (IST)

भारत के लोगों को अब अपने घर में बच्चों का स्वागत करने में थोड़ी सी कठिनाई हो सकती है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सरोगेसी विनियमन विधेयक बिल 2019  पास कर दिया गया है। इस बिल के तहत अब भारत में अवैध सरोगेसी पर रोक लगा दी गई है। जिससे की कोई भी दंपत्ति आसानी से किराए की कोख लेकर अपने बच्चे को जन्म नही दे सकते है। 

इस पर रोक लगाने का मुख्य मकसद सरोगेसी के माध्यम से आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं पर हो रहे शोषण को रोकना है। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस बिल में करीबी रिश्तेदारों की परिभाषा के साथ सरोगेट मदर बनने के लिए कुछ बातों को शामिल किया हैं। इस बैन के बाद भारत  विश्व के उस मैप में शामिल हो गया है जहां पर सरोगेसी बैन है जिसमें न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन, फिलीपीन, स्पेन, स्विट्जरलैंड व जर्मनी समेत कई देशों शामिल है। इससे न केवल दंपत्तियों को बल्कि समलैंगिक जोड़ों व माता- पिता बनने वाले सिंगल पेरेेंट्स को भी काफी दिक्कत हो सकती है। 

क्या है सरोगेसी 

सरोगेसी यानि की किराए की कोख। जो पेरेंट्स नेचुरल तरीके से किसी कारणवश माता पिता नही बन सकते है वह किसी दूसरी महिला की कोख को किराए पर लेकर अपने बच्चे को जन्म देते है। 

सरोगेसी के मामले में केंद्र बना भारत 

इस बिल को पास करने का मुख्य कारण व उद्देश्य बताया गया कि पिछले कुछ समय में भारत सरोगेसी के मामले में एक केंद्र की तरह आगे आ रहा है। यहां पर न केवल भारत के ही कपल बल्कि देश भर से लोग महिलाओं को किराए की कोख के लिए इस्तेमाल कर रहे है। इतना ही नही इससे सरोगेट मदर के शोषण, इससे पैदा होने वाले बच्चों का शोषण व परित्याग जैसी कई घटनाएं सामने आ रही है। इस सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत में सरोगेसी को बैन किया गया है। 

राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर होगा गठन 

इस प्रक्रिया पर पूरी नजर रखने के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर सरोगेसी बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो कि इस बात का ध्यान रखेगा कि बिल के अनुसार काम सही ढंग से चल रहा है या नही।

अगर किसी महिला को सरोगेट मदर बनना है तो उसके लिए बिल में कुछ बातें शामिल की गई है, जिन्हें उन्हें मानना होगा। इतना ही नही इसके सरोगेसी से बच्चा करने वाले कपल को भी कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा व उन्हें पूरा करना होगा। 

सरोगेट मदर को रखना होगा इन बातों का ध्यान 

- सरोगेट मदर कपल का निकट संबंधी होनी चाहिए। 
- सरोगेट मदर पहले से शादीशुदा हो व उसका खुद का बच्चा हो। 
- महिला क उम्र 25 से 35 के बीच होनी चाहिए।
- उसने सरोगेसी जीवन में पहले कभी नहीं की हो।
- सरोगेसी के लिए उसके पास मैडिकल रुप से सक्षम होने का प्रणामपत्र होना चाहिए। 
- महिला अपने ही प्रजनन कोष को सरोगेसी के लिए नहीं दे सकती हैं। 
- महिला पैसों के लिए नही परोपकार के लिए सरोगेट मदर बनेगी। 

कपल को पूरी करने होगीं यह बातें 

- सरोगेसी से बच्चा शादी के पांच साल बाद डॉक्टर के कहने पर ही हो सकता है। 
- सरोगेट मदर उसी महिला का बच्चा अपनी कोख में पैदा करेगी, जो महिला मेडिकल तौर पर अनफिट हो। 
- सरोगेसी से पैदा हुए बच्चें न छोड़े जाएं इस पर बनेगा कानून। 
- डिलीवरी के समय आने वाली दिक्कतों व अन्य के लिए 16 महीने का बीमा। 
- कपल भारत का नागरिक होना चाहिए। 
- पति की उम्र 26 से 55 व पत्नी की 23 से 50 होनी चाहिए। 
- इससे पहले उनका कोई अपना बच्चा नही होना चाहिए। 
- अगर पहला बच्चा किसी घातक बीमारी से ग्रस्त है तो इसकी अनुमति मिल सकती है।
 

Content Writer

khushboo aggarwal