छोटे से गांव से आलीशान राष्‍ट्रपति भवन तक, देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति की पूरी कहानी

punjabkesari.in Monday, Oct 17, 2022 - 11:29 AM (IST)

आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है। लेकिन जहां तक देश में उच्च राष्ट्रपति पद का सवाल है, इस पद पर सबसे पहले 2007 में पहली बार एक महिला, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने कदम रखा था। अब वहीं द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली आदिवासी और सबसे युवा महिला राष्ट्रपति बन के एक मिसाल पेश की है। 22 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम सामने आए और द्रौपदी मुर्मू अपने विपक्ष यशवंत सिन्हा को हराते हुए भरपूर वोटों से जीती। लेकिन द्रौपदी का यह सफर आसान नहीं था। यहां तक पहुंचने के लिए मुर्मू ने न जाने कितनी तकलीफें झेलीं हैं। इस सफर में कई अपने भी दूर हो गए। 

 द्रौपदी मुर्मू का जीवन

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे। द्रौपदी ने भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की।

2 बेटों और पति को खोया

द्रौपदी मुर्मू ने श्याम चरण मुर्मू से लव मरैज की थी, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और वहीं पति भी इस सदमे को बर्दाशत नहीं कर पाए और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।

राजनीति में शुरु की पारी

द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन का आगाज किया था। उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं। ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया। मुर्मू ने 2014 का विधानसभा चुनाव रायरंगपुर से लड़ा था, लेकिन वह बीजद उम्मीदवार से हार गई थी। बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं। 

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Content Writer

Vandana