ऐतिहासिक महत्व रखता है उत्तरप्रदेश में बसा यह शहर, घूमने के लिए भी मशहूर
punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 06:25 PM (IST)
भारत देश में बहुत सी ऐतिहासिक स्मारक स्थापित है। ऐसे में ही उत्तर प्रदेश में बसा अलीगढ शहर एक ऐतिहासिक शहर है। यह अपने ताले उद्योग से पूरी दुनिया में फेमस है। यह ऐतिहासिक शहर सन् 1803 में हुई अलीगढ़ की लड़ाई से लोगों द्वारा बेहद प्रसिद्ध है। यह युद्ध मराठो और अंग्रेजों के बीच अधिग्रहण को लेकर हुआ था। ऐसे में अलीगढ़ का किला यहां पर हुए युद्ध की गवाही आज भी देता है। यह ऐतिहासिक शहर में शहीदों और मुस्लिम संतों की विभिन्न कब्रों के लिए भी जाना जाता है। इसके साथ ही इसी शहर में मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित है जो सन् 1875-78 बनकर तैयार हुआ था। यहां पर घूमने के लिए भी अलग-अलग जगह और पर्यटन स्थल है। तो चलिए जानते है अलीगढ़ के बारे में विस्तार से...
अलीगढ़ का किला
इसे ‘अलीगढ़ किला’, ‘बौनासौर किला’ या ‘रामगढ़ किला’ के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अलीगढ़ के मुख्य दर्शनीय स्थलों में से एक आकर्षिण केंद्र है। इसे किला इब्राहिम लोढ़ी के शासनकाल में बना था। इस किले का निर्माण सन् 1525 में गवर्नर उमर के पुत्र मोहम्मद ने करवाया था। यह किला एक पहाड़ी पर स्थित है जो चारों ओर से 32 फीट खड़ी घाटी है।
मौलाना आजाद लाइब्रेरी
भारत में पहले स्थान और एशिया में दूसरे स्थान पर आने वाली सबसे बड़ी लाइब्रेरी माने जाने वाली मौलाना आजाद लाइब्रेरी अलीगढ़ में ही स्थित है।
बाबा बरछी बहादुर दरगाह
यहां पर सूफी, संतों से जुड़़ी प्रसिद्ध दरगाह स्थित है। इन दरगाहों के दरवाजें हर धर्म के लोगों के लिए हमेशा खुले रहते हैं। मान्यता है कि इन दरगाहों पर सच्चे मन से मांगी दुआ जल्दी ही कुबूल हो जाती है। अलीगढ़ की मशहूर बाबा बरछी बहादुर की दरगाह में पूरे साल यात्रियों की भीड़ जमा रहती है।
जामा मस्जिद
जामा मस्जिद का निर्माण मुहम्मद शाह (1719-1728) के शासनकाल में कोल के गवर्नर साबित खान ने मुगलकाल में करवाया था। इसका निर्माण काल सन् 1724 में शुरू किया गया था। इसे बनने में पूरे चार साल लगे थ। यानि यह मस्जिद सन् 1728 में बनकर तैयार हुई थी। इस पवित्र मस्जिद में कुल 17 गुंबद और तीन गेट बने हुए हैं। इन दरवाजों पर दो-दो गुंबद बनवाए गए थे। इस मस्जिद की खासियत है कि है यहां पर एक साथ 5000 लोग नमाज पढ़ सकते हैं। औरतों के लिए नमाज पढ़ने के लिए अलग से इंतजाम किया गया है। इसे शहदरी (तीन दरी) कहा जाता हैं। शायद यह मस्जिद पूरी दुनिया की पहली मस्जिद है जिसमें शहीदों की कब्र भी बनी हुई है।
अलीगढ़ में अलग-अलग चीजों की खरीदारी कर सकते हैं
यात्रियों के लिए यहां घूमने और खरीदारी करने के लिए बहुत सी जगह है। यहां का बाजारों में हर चीज आसानी से मिल जाती है। अलीगढ़ के मुख्य बाजारों में सेंटर प्वाइंट मार्केट, रेलवे रोड मार्केट, फूल चौराहा, हलवाई खाना, शमशाद मार्केट, महावीर गंज, अपर फोर्ट, तस्वीर महल तथा आमिर निशा आदि शामिल हैं। ब्रांड आउटलेट्स और पाश्चात शैली की अधिकतर दुकानें प्वाइंट बाजार और इसके आसपास ही बनी हैं। बात अगर शमशाद मार्केट की करें तो यहां पर हर विषय की किताब मिलने के लिए शैक्षिक पुस्तकों के तौर पर जाना जाता है। इसके साथ ही अमीर निशा में मुख्य रूप से कपड़ों, गहनों आदि की खरीदारी की जाती है। खाने- पीने यानि किराने का सामान महावीर गंज आदर्श स्थल में मिलता है।
अक्तूबर से मार्च महीने तक जाए घूमने
यहां पर घूमना का सही समय अक्तूबर से मार्च तक बेस्ट माना जाता है। इस मौसम में ज्यादा गर्मी न होने के कारण यहां के सुंदर नजारों को देखने का बेहतरीन मजा आता है। अलीगढ़ पहुंचने के लिए आप रेल, हवाई या सड़क के रास्ते से जा सकते हैं।