लोहड़ी के खास मौके पर देखें भारत के 10 मशहूर व खूबसूरत गुरुद्वारे

punjabkesari.in Sunday, Jan 13, 2019 - 01:41 PM (IST)

लोहड़ी पंजाबियों का प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे पूरे देशभर में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग पहले ही इस दिन की तयारियां शुरू कर देते हैं लेकिन कुछ लोग इस दिन गुरुद्वारे में माथा टेकना पसंद करते हैं। ऐसे में आज हम आपको दुनियाभर के कुछ फेमस गुरुद्वारे के बारे में बताएंगे, जहां आप लोहड़ी का त्योहार मना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं दुनिया के इन सबसे मशहूर गुरुद्वारे के बारे में।

 

अमृतसर, हरमिंदर साहिब गुरुद्वारा

पंजाब के अमृतसर में बना श्री हरिमन्दिर साहिब गुरुद्वारा यानी स्थित स्वर्ण मंदिर में सिखों का पवित्र स्थल है। यहां पर लोहड़ी के दिन काफी धूम-धाम रहती है। इस खास दिन पर गुरुद्वारे को खास तरीके से सजाया जाता है।

दिल्ली, बंगला साहिब गुरुद्वारा

गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली में है। सन् 1664 में गुरु हरकृष्ण देव जी के सम्मान में इसका निर्माण किया गया था। दुनियाभर में प्रसिद्ध इस गुरुद्वारे में लोहड़ी के दिन पूरे खूब रौनक देखने को मिलती है। इस दिन लोग यहां भारी संख्या में माथा टेकने के लिए आते हैं।

पटना, गुरुद्वारा श्री हरमंदि‍र जी

यह गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। इस गुरुद्वारे को महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया गया और यह बिहार के पटना शहर में स्थित है। लोहड़ी के दिन यहां सिर्फ गुरुद्वारे ही नहीं बल्कि पूरे पटना में खास रौनक देखने को मिलती है।

हिमाचल प्रदेश, पौंटा साहिब गुरुद्वारा

वैसे तो यहां हर दिन ही भक्तों की खास भीड़ देखने को मिलती है लेकिन लोहड़ी के दिन आप यहां खास रौनक देख सकते हैं। गुरुद्वारे में माथा टेकने के साथ-साथ आप यहां अस्सान झील और सहस्त्रधारा घूमने का मजा भी ले सकते हैं।

दिल्ली, शीशगंज गुरुद्वारा

पुरानी दिल्‍ली में महान धार्मिक एवं ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज स्थित है, जहां हिन्दू-सिख एवं अन्य धर्मों के लोग समान आस्था से शीश नवाते हैं। लोहड़ी के दिन इस गुरुद्वारे को भी खास तरीके से सजाया जाता है, जिसे देखने के लिए टूरिस्ट देश-विदेश से आते हैं।

उत्तराखंड, श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा

दुनियाभर में मशहूर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में माथा टेकने के लिए टूरिस्ट दूर-दूरे से आते हैं। यह गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो अपनी वास्‍तुकला के लिए जाना जाता है। यह गुरुद्वारा समुद्र स्तर से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है। लोहड़ी सेलिब्रेट करने के लिए यह भी बिल्कुल परफेक्ट ऑप्शन है।

पंजाब, केशगढ़ साहिब

पंजाब के रुद्रपुर जिले में स्थित केशगढ़ साहिब गुरुद्वारा में ही गुरु गोबिंद सिंह ने सन 1699 में पंज प्यारों की उपाधि दी थी और खालसा पंथ की शुरुआत हुई थी। यहां पर लोहड़ी के साथ-साथ होली भी बहुत धूमधाम ले मनाई जाती है।

महाराष्ट्र, हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा

महाराष्ट्र के नांदेड शहर में स्थित 'हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा' विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहीं पर सिखों के दसवें तथा अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने प्रिय घोड़े दिलबाग के साथ अंतिम सांस ली थी इसलिए लोग त्योहारों में यहां पर भारी संख्या में जुटते हैं।

गुरुद्वारा सेहरा साहिब, सुल्‍तानपुर 

पंजाब के इस गुरुद्वारे के बारे में कहा जाता है कि गुरु हर गोविंद सिंह जी की बारात यहां से गुजरी थी। इसके बाद यहां गुरुद्वारा बना और उसका नाम सेहरा साहिब रखा गया। लोहड़ी के साथ-साथ होली व गुरुपूर्व के मौक पर भी आप यहां खास रौनक देख सकते हैं।

कर्नाटक, श्री नानक झिरा साहिब गुरुद्वारा

लोहड़ी के त्योहार को यादगार बनाने के लिए आप इस गुरुद्वारे में भी जा सकते हैं। कर्नाटक राज्य के बीदर में स्थित यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक जगह के रूप में भी मशहूर है। रोजाना लगभग 4 से 5 लाख लोग इस गुरुद्वारे में माथा टेकने आते हैं और त्योहारों में यह संख्या और भी बढ़ जाती है।

Content Writer

Anjali Rajput