लाडली की विदाई से पहले उन्हें जरूर समझाएं ये बातें, Adjustment में होगी आसानी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2020 - 06:35 PM (IST)

अक्सर हम छोटे बच्चों को शिक्षा देने की बात करते हैं। मगर शिक्षा की जरुरत हमें उम्र के हर दौर में होती है। वह शिक्षा हमें एक गुरु ही दे सकते हैं। एक बेटी के लिए उसकी मां से बेहतर गुरु और कोई नहीं हो सकती। मां का फर्ज है कि बेटी को पढ़ने-लिखने के साथ घर-गृहस्थी की भी पूरी सीख दे, ताकि आगे चलकर उस पर कोई उंगली न उठा सके।

अगर आपकी बेटी की भी शादी होने वाली है तो उसे कुछ ऐसी बातें जरुर बताएं, जिससे उसे आगे चलकर नए घर में अडजेस्ट करने में आसानी हो, जैसे कि...

खुद का अनुभव करें शेयर

व्यक्ति अपने जीवन में की गई गलतियों से सबसे ज्यादा सीखता है। ऐसे में अपनी बेटी के साथ खुद के अनुभव जरुर शेयर करें। अपनी गलतियां बताने में हिचकिचाएं नहीं, बल्कि उनसे मिली आपको जो सीख थी, उस गलती से लिया गया सबक बेटी को जरुर बताएं।

घर-गृहस्थी की बातें

भले आज बेटीयां बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं। मगर घर गृहस्थी का काम आना भी जरुरी है। बच्ची जब थोड़ी बड़ी हो जाए तो उसे रसोई के छोटे-छोटे काम करने की आदत जरुर डालें। ताकि शादी के वक्त उसे जल्द बाजी में सब कुछ न सिखाना पड़े। बेटी को समझाएं कि भले वह जॉब करें, मगर घर आने के बाद कुछ देर बड़ो के साथ जरुर बैठे, कभी-कभी उन्हें अपने हाथ से कुछ स्पेशल बनाकर जरुर खिलाएं। इससे उन्हें अच्छा लगेगा।

कुछ बातों को इग्नोर करना

मायके में भले बेटी कुछ छोटी-छोटी बातों को लेकर भाई बहन या फिर आपसे भी लड़ाई कर ले। मगर ऐसा ससुराल में न करने की सलाह दें। किसी भी नई जगह पर जाकर एडजेस्ट करने में वक्त लगता है।

साफ-सफाई का ध्यान

बेटी को अपनी चीजों को संभालकर रखने और अपने कमरे की सफाई रखना सिखाएं।

मेंटली स्ट्रांग

बेटी की शादी के वक्त इमोश्नल होना जायज है, मगर नई जिंदगी और हालातों को फेस करने के लिए बेटी को इमोशनली स्ट्रांग बनाएं। वह जितना खुद के इमोश्नस, खासतौर पर गुस्से को कंट्रोल करेगी, उतना उसके लिए बेहतर होगा।

खुद की देखभाल

सबसे ज्यादा जरुरी है, खुद की देखभाल। घरवालों और घर के साथ-साथ उसे अपना ख्याल भी रखना सिखाएं। एक शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट व्यक्ति ही जीवन की जिम्मेदारियों का बोझ आसानी से उठा सकता है।


 

Content Writer

Harpreet