एयरफोर्स फ्लाइंग ब्रांच में ट्रेनिंग लेकर चायवाले की बेटी उड़ाएगी फाइटर प्लेन

punjabkesari.in Tuesday, Jun 26, 2018 - 01:40 PM (IST)

अपने अरमानों के साथ कामयाबी हासिल करके सफलता की ऊंची उड़ान भरना कोई आसान काम नहीं हैं। जब कोई लड़की देश की सेवा के राह पर आगे बढ़ती है तो वह अपने जैसी दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बन जाती है। हम बात कर रहे हैं आंचल गंगवाल की, जो उन 22 स्टूडेंट्स में से एक है जिन्हें इंडियन एयरफोर्स के फ्लाइंग ब्रांच में चयनित किया गया है। इसके साथ ही खास बात यह है कि आंचल पहली ऐसी लड़की है, जिसकी फ्लाइंग ब्रांच में सिलेक्शन हुई है। 


24 साल की आंचल गंगवाल साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके पिता छोटी-सी चाय की दुकान चलाते हैं। आंचल उत्तराखंड आपदा के समय भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए गए राहत व बचाव कार्य के जज्बे को देखकर बहुत प्रभावित हुई। तब आंचल भी वायुसेना में जाकर देश की सेवा करने का सपना देखने लगी। अब उनकी सिलेक्शन फ्लाइंग ब्रांच में हो चुकी है और उनका सपना सच होने में अब ज्यादा समय नही है। 


जब आंचल स्कूल में थी तब उसने सोचा था कि आगे चलकर वह सेना में भर्ती होगी लेकिन उनके घर की माली हालत अच्छी नहीं थी। इसके बावजूद उन्होने पढ़ाई पर पूरा फोक्स किया और मेधावी छात्रा रही। पढ़ाई में अव्वल होने के कारण ही उन्हें स्कूल छोड़के वक्त स्कॉलरशिप भी मिली। बाहरवीं क्लास पास करने के बाद वह पढ़ने के लिए उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी चली गई। पैसों की किल्लत के कारण आंचल में पढ़ाई साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं की तैयारी भी करनी शुरू कर दी। 


पढ़ाई के साथ-साथ आंचल ने लेबर इंस्पेक्टर की परीक्षा में भी क्वालिफाई कर लिया और ट्रेनिंग भी की। आंचल का इस बारे में मानना था कि अगर वह इस नौकरी में रहेगी तो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएगी क्योंकि इसमें उसे पढ़ने के लिए वक्त नहीं मिलेगा। इससे एयरफोर्स में जाने का उसका सपना भी पूरा नहीं हो पाएगा। फिर वह एयरफोर्स के एग्जाम की तैयारी करने लगी। एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट को पास करना आसान नहीं है फिर भी आंचल इस पर डंटी रही और पांच बार एग्जाम दे डाला। वह इंटरव्यू तक तो पहुंच जाती थी लेकिन सिलेक्शन होते-होते रुक जाती थी। फिर छठी बार उसके फिर यही एग्जाम दिया और इस बार उसे कामयाबी मिली। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस परीक्षा में 6 लाख के लगभग अभियार्थियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें आंचल मे बाजी मार ली। अब 30 जून से आंचल हैदराबाद के डुंडीगुल से एक साल की ट्रेनिंग पर जाएंगी। उनकी कामयाबी का यह पहला कदम है और ट्रेनिंग के बाद वह देश की सेवा करेगी। 

 

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