बच्चों से बातचीत करने से बढ़ती है उनकी Creativity और कॉन्फिडेंस...स्टडी में हुआ खुलासा

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2023 - 11:03 AM (IST)

बच्चों की कल्पनाओं और सोच को विस्तार देने के लिए उनसे बातचीत करना जरूरी है। एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि छोटे बच्चों को लगातार बात करने पर उनकी दिमाग की शक्ति बढ़ती है। उनके मुताबिक, बात करने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें अभिव्यक्ति के मौके भी मिलते हैं।

ये अध्ययन इंग्लैंड के नार्विच स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के शोधकर्ताओं ने किया। उन्होंने बताया कि ढाई साल के जिन बच्चों ने रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादा भाषण सुना, उनके दिमाग में मायेलिन नाम का पदार्थ पाया गया। ये पदार्थ भाषा संबंध क्षेत्रों के संकेतों को ज्यादा कुशल बनाने में मददगार होता है। शोधकर्ता प्रोफेसर जॉन स्पेंसर ने कहा, शुरू के दो साल में बच्चों का दिमाग तेजी से विकसित होता है। इन दो सालों तक दिमाग वयस्क मस्तिष्क की मात्रा के 80 फीसदी तक होता है। 

क्या है मायेलिन

प्रोफेसर जॉन का कहना है कि मायेलिन प्रोटीन और वसायुक्त पदार्थों से बना होता है और दिमाग में नसों के चारों ओर एक इन्सुलेट परत बनाता है। यानी एक नली का पाइप जैसा, जिसमें कई छेद होते हैं। यह मायेलिन इन पाइपों पर रहते हैं। ये दिमाग के तंतुओं को अलग करता है। जिससे मस्तिष्क में अन्य सिग्नल तेजी से प्रवेश करते हैं। क्षतिग्रस्त होने पर अवेग की क्रिया धीमी होती है।

ऐसे निकाला निष्कर्ष

अध्ययन के दौरान 163 शिशुओं और बच्चों को शामिल किया। इन्हें तीन दिनों तक पहनने के लिए छोटे रिकॉर्डिग वाले उपकरण दिए गए। फिर लगभग 6 हजार घंटे के भाषा डाटा का विशेलेषण किया गया। इसमें बच्चों द्वारा बोले गए शब्दों के साथ-साथ वयस्कों के भाषण भी शामिल थे। जब बच्चे सो रहे थे, तब शोधकर्ताओं ने उनके दिमाग में  मायेलिन को मापने के लिए एमआरआई स्कैनर में रखा।

6 महीने के शिशुओं में भी मिला जुड़ाव

प्रो स्पेंसर का कहना है कि शोध में पाया कि जिन बच्चों ने अपने दौनिक वातावरण में ज्यादा भाषण सुनना प्रांरभिक विकास में मस्तिष्क संरचना से जुड़ा हुआ है। इस दौरान 4 से 6 साल के बच्चों में एक समान जुड़ाव दिखाया था। वहीं 6 महीने के शिशुओं में भाषा इनपुट और मस्तिष्क संरचना के बीच जुड़ाव भी पाया। दूसरों शब्दों में शुरूआती विकास में बच्चों से बात करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये मस्तिष्क को आकार देने में मदद करता है।

इन तरीकों को भी आजमाएं

खेल के दौरान करें बातचीत।
हाव-भाव और तस्वीरों का करें इस्तेमाल।
बच्चों की बातों को ध्यान से सुनें।
गलत करने पर सही तरीके से समझाएं।
बात के दौरान जल्दबाजी न करें।
घटित हो रही घटनाओं पर भी बात करें।
गीत-संगीत या ध्वनि का भी इस्तेमाल करें।

Content Editor

Charanjeet Kaur