UTI इंफेक्शन को न करें नजरअंदाज, बरते ये सावधानियां

punjabkesari.in Tuesday, Jul 11, 2017 - 02:25 PM (IST)

यूटीआई इंफेक्शन : यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का शिकार कोई भी हो सकता है लेकिन पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यूरेथ्रा छोटा होता है। इससे बैक्टीरिया ब्लैडर को जल्दी प्रभावित करते हैं। जहां पुरुषों में 45 की उम्र के बाद यह परेशानी शुरू होती है। 50 साल से कम आयु के पुरुषों में यूटीआई इंफेक्शन ( यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ) बहुत कम होता है। ज्यादा उम्र के पुरुषों को यह बीमारी प्रोस्टेट ग्रंथि के बड़ा होने, डायबिटीज, एचआईवी या फिर यूरिनरी ट्रैक्ट में स्टोन होने के कारण होती है। 

महिलाएं में 15 से 40 की उम्र के बीच यूटीआई की समस्या अधिक होती है। वहीं, मेनोपॉज के बाद भी मूत्र संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है लेकिन प्राइवेट पार्ट की सफाई न करने से कम उम्र की महिलाओं को भी यह परेशानी हो जाती हैं। बच्चे इस समस्या का शिकार तब होते हैं, जब उनकी पेशाब की थैली या गुर्दे में किसी तरह की कोई समस्या हो। 



क्या है यूटीआई?

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) मूत्र मार्ग में होने वाले संक्रमण है। यूरिनरी सिस्टम के अंग जैसे किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और यूरेथ्रा में से कोई भी अंग जब संक्रमित हो जाए तो उसे यूटीआई संक्रमण कहते हैं। इस इंफैक्शन का जिम्मेदार बड़ी आंत का बैक्टीरिया ईकोलाई होता है। यह मूत्रमार्ग के हिस्से को प्रभावित करता है। हालांकि ईकोलाई के अलावा कई अन्य बैक्टीरिया, फंगस के कारण भी यूटीआई की समस्या होती है। बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर में प्रवेश कर तेज़ी से फैलना शुरू हो जाते हैं। इससे पेशाब करते समय वजाइना में जलन होती है। समय रहते इलाज न करवाने से यह ब्लैडर और किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। 

यूटीआई इंफेक्शन के कारण (UTI Causes)

 देर तक यूरिन को रोक कर रखना
 किडनी में स्टोन
 पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई न रखना
 इम्यूनिटी सिस्टम का सही न रहना
 शौचालय के बाद प्राइवेट पार्ट की सफाई न करना।

 

यूटीआई इंफेक्शन के लक्षण (UTI Symtoms)

 थकान और चक्कर आना 
 यूरिन के रंग में बदलाव
 पेट के निचले हिस्से में दर्द
 बुखार 
 यूरिन में जलन और बदबू आना

 

यूटीआई इंफेक्शन से बचाव (UTI Prevention)

यूटीआई से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। इससे शरीर के सारे टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें। इस समस्या में अनानास का जूस पीना फायदेमंद है।

 

पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें। टॉयलेट यूज करने से पहले और बाद में फ्लश जरूर करें। 

अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त आहार को शामिल करें और मसालेदार चीजों से दूरी बनाएं। इसके अलावा सिगरेट और शराब का सेवन न करें। 

 अगर आप घंटो तक पेशाब रोक कर रखते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें। इससे इंफैक्शन बढ़ जाएगी और किडनी को नुकसान पहुंचेगा।  

 प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। मूत्र त्याग करने के बाद योनि को अच्छे से साफ करें ताकि इन्फेक्शन न हो।

 गर्म पानी के बैग या बोतल से सिकाई करने से भी यूटीआई इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है।

 गर्मी के मौसम में हमेशा सूती और आरामदायक अंडरगार्मेंट्स पहनें। 

 बाहरी और खुले जगहों में खाने से परहेज करें क्योंकि यहीं संक्रमण होने का सबसे बड़ा कारण है। खून में होने वाली इन्फेक्शन यूरिन तक पहुंचकर यूटीआई का कारण बनती है।


- वंदना डालिया
 

Content Writer

Sunita Rajput