डराने लगा H3N2 वायरस, लक्षण के साथ जान लें बचाव और सावधानियां

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2023 - 12:01 PM (IST)

कोरोना महामारी के बाद अब नए वायरस ने देश भी की चिंता बढ़ा दी है। बदलते मौसम के साथ ही  H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने कहर ढाना शुरु कर दिया है। आए दिन इस खतरनाक वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए देश भर में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही कोविड के नमूनों की जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। साथ ही लोगों  से सार्वजनिक जगहों पर एहतियातन मास्क और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की जा रही है। 


इन राज्यों में वायरस ने दी दस्तक

 H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस की एक राज्य के बाद दूसरे राज्य में एंट्री हो रही है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी इस वायरस ने दस्तक दे दी है। यहां एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के दो मामले सामने आए हैं वहीं पांच लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें  झारखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षा दे रहा एक छात्र भी शामिल है। परीक्षा पर बीमार हुए छात्र के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और उसे पृथकवाक में रखा गया है।

  
क्या है  एच3एन2 वायरस 

 एच3एन2 एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो आमतौर पर सूअरों से मनुष्यों में फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है और इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं।  इंफ्लूएंजा ए H3N2 वेरिएंट वायरस (H3N2v नाम से भी जाना जाता है) में साल 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी फैलाने वाले के H1N1 वायरस के M जीन पाया जाता है और पहली बार यह जुलाई 2011 में सामने आया था। यह वायरस साल 2010 में पहली बार अमेरिका में सुअरों में पाया गए थे. इसके साल साल 2011 में H3N2 इंसानों में भी पाए गए। उस समय इन वायरस का इंसान से इंसान में प्रसार बहुत ही सीमित रहा था। 


H3N2 वायरस के लक्षण

H3N2 वायरस के संक्रमण के कारण 9 से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हाल ही में H3N2 मामलों में वृद्धि देखी गई है। इनमें से ज्यादातर वही लोग थे जो पहले से बीमारथे।  महाराष्ट्र में  चार साल का बच्चा भी इस वायरस से संक्रमित पाया गया है।  इस वायरस के चलते बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने को कहा गया है। इसके सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं। लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने का भी अनुभव हो सकता है।


H3N2 से बचने का तरीका


फ्लू से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप इंफ्लुएंजा वैक्सीनेशन लगवाएं।
जिस क्षेत्र में आसपास सुअर हों, वहां खाना न खाएं और न ही कुछ पिएं। 
 अपने हाथों को साबुन या हैंडवॉश से नियमित रूप से साफ करें और सैनिटाइज भी करते रहें। 
जिस क्षेत्र में सुअर हों वहां बच्चों के खिलौने, कप, बेबी बोटल, पेसीफायर जैसी चीजें लेकर न जाएं। 
अगर कोई सुअर बीमार लग रहा हो तो उसके आसपास बिल्कुल न जाएं.
छींक या खांसी के दौरान रूमाल का इस्तेमाल करें या फिर ऐसा करते वक्त अपने मुंह को कवर करके रखें। 
इसके लक्षण होने पर अपने आप को दूसरों से अलग कर लें और डॉक्टर की सलाह पर दवा लें।


किन लोगों को H3N2 का खतरा

5 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं। 
अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों। 
न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोडेवलपमेंटल कंडीशन के साथ रह रहे मरीज। 

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vasudha