Sleep Disorder का शिकार हो सकते हैं आपके बच्चे, इन लक्षणों के दिखने पर बरतें पैरेंट्स सावधानी

punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2023 - 10:54 AM (IST)

स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद आवश्यक है परंतु आजकल के खराब लाइफस्टाइल के कारण और मोबाइप फोन ज्यादा इस्तेमाल करने से आजकल स्लीप डिसऑर्डर की समस्या बहुत आम हो गई है। पूरा दिन की थकान के बाद भी कई बार अच्छे से नींद नहीं आ पाती इसी समस्या को स्लीप डिसऑर्डर कहते हैं। सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। हाल ही में हुए शोध की मानें तो करीबन 25% बच्चे इस समस्या से पीड़ित हैं। पूरी नींद न लेने के कारण बच्चे को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि स्लीप डिसऑर्डर के बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ते हैं...

इतनी तरह के स्लीप डिसऑर्डर का शिकार होते हैं बच्चे 

एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चे नींद में गड़बड़ी, नींद में डर लगना या बुरे सपने आना स्लीप डिसऑर्डर का कारण बनते हैं। इसके कारण बच्चे को अनिद्रा, हाइपरसोमनिया, पैरासोमनिया, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम और नार्कोलेप्सी जैसी समस्याएं भी खड़ी होने लगती हैं। इसके अलावा बच्चों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया स्लीप डिसऑर्डर भी हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में बच्चे नींद के दौरान आराम से सांस भी नहीं ले पाता। 

ये हैं स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण? 

. यदि बच्चे रात में देर से सोते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं। 
. बच्चे रात में बार-बार नींद से जागते हैं या दोबारा से सोने में परेशान होते हैं। 
. यदि बच्चे दिन में 10-15 मिनट की कई झपकियां लेते हैं। 


. खेलने-कूदने की जगह यदि बच्चे शांत बैठे रहते हैं। 
. यदि उनकी डेली रुटीन की खाने-पीने की आदतों में बदलाव आया है। 
. बच्चा हर समय यदि सुस्त रहता है 
. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा और चिड़चिड़ापन होना 

कारण 

स्लीप डिसऑर्डर के बच्चों में कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, ट्रॉमा, प्रदूषण, एलर्जी, पढ़ाई का स्ट्रेस और गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करना । इसके अलावा कुछ न्यूरोलॉजिकल कारण जैसे एडीएचडी और ऑटिज्म भी इसका कारण हो सकते हैं। 

क्या पड़ता है बच्चे पर इसका प्रभाव? 

पूरी नींद न आने के कारण बच्चे का स्वास्थ्य बहुत ही बुरी तरह प्रभावित होता है। इसके कारण बच्चे की एनर्जी और सारी दिन की एक्टिविटीज पर प्रभाव पड़ता है। 

. इसके अलावा बच्चे में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। 

. इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिसके कारण बच्चे बहुत ही जल्दी इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। 

. स्लीप डिसऑर्डर के कारण बच्चे की एकाग्रता और मेमोरी पावर प्रभावित होने लगती है। 

. नींद की कमी और अनिद्रा के कारण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण भी बन सकता है। इसके कारण कार्डियोवैस्कुलर रोग और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। 

. नींद न आने के कारण बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद जरुरी है इसके अलावा बच्चों के अच्छे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पूरी मात्रा में नींद जरुरी है। यदि बच्चों में इनमें से एक लक्षण भी दिखे तो एक बार हैल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह जरुर ले लें। 

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palak