खाने के लिए एक चम्मच हर वक्त साथ रखती हैं सुधा मूर्ति, मोटिवेशल स्पीकर ने खोला राज
punjabkesari.in Wednesday, Jul 26, 2023 - 05:01 PM (IST)
मशहूर लेखिका और इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति अपनी सादगी से सबका दिल जीत लेती हैं। उनकी मोटिवेशनल स्पीच कई लोगों के जीवन का मार्गदर्शन करती हैं। अब हाल ही में इंफोसिस की पहले एंजेल इन्वेस्टर सुधा मूर्ति ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने खाने को लेकर राज खोला है। उन्होंने बताया है कि वह जब भी विदेश के लिए जाती हैं तो उन्हें खाने में डर लगता है। इसलिए वह अपने बैग में खाने का सामान लेकर जाती है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह शुद्ध शाकाहारी हैं और ज्यादातर अपना खाना अपने साथ ही रखती हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के खाने के लिए एक अलग ही चम्मच इस्तेमाल होता है।
एक अजीब डर के चलते करती हैं ये काम
सुधा मूर्ति ने बताया कि- 'किस्से कहानियों में रोमांच पसंद है लेकिन असली जिंदगी में खाने को लेकर बिल्कुल भी नहीं। सच कहूं तो मैं डर जाती हूं, मैं शुद्ध शाकाहारी हूं, यहां तक की अंडे और लहसुन तक भी नहीं खाती। डर इस बात का है कि जो चम्मच शाकाहारियों को दिया जाता है वहीं मांसाहारी खाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह मेरे दिमाग में भी बहुत ही बोझ डालता है। जब हम बाहर जाते हैं तो मैं केवल शाकाहारी रेस्तरां ही ढूंढती हूं या मैं खाने-पीने की चीजों से भरा एक बैग ले जाती हूं। मैं खाने के लिए तैयार सम्मान ले जाती हूं जो बस पानी में गर्म करके बन जाए। उन्होंने बताया कि मैं अपने साथ पोहा ले जाती हूं।'
खाने की शौकिन है सुधा मूर्ति
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वह खाने की बहुत ही शौकीन हैं हालांकि वह अच्छी कुक नहीं है और इसलिए नारायण मूर्ति हमेशा फिट रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि वह बहुत अच्छी चाय और पोहा बनाती हैं। मूर्ति ने बताया कि - 'मैं जरुर खाना बनाना जानती हूं। मैं परांठा, दाल, सब्जी, चावल और सांभर बना सकती हूं हम होटलों में नहीं जाते, मैं आम चीजें बना सकती हूं लेकिन मैंने कोई खास तरह के पकवान बनाने नहीं सीखे क्योंकि मैं हमेशा से ही बाहर काम करती थी।'
अपने साथ विदेश ले जाती हैं ये चीजें
इंटरव्यू में जब सूधा से पूछा गया कि वह विदेश में क्या-क्या खाती हैं तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि - 'जब भी वह विदेश जाती हैं तो अपने साथ खाने-पीने की चीजों से भरा बैग ले जाती हैं। वह 25-30 रोटियां बनाती हूं और भुनी हुई सूजी ले जाती हूं ताकि गर्म पानी डालने पर वह खाने के लिए तैयार हो जाए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि वह अपने साथ एक कुकर भी रखती हैं। यही उन्होंने अपनी दादी से सीखा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किस देश में जा रही हूं अपना खाना साथ ही रखती हूं।'
पद्म भूषण से हुई हैं सम्मानित
सामाजिक कार्यों में भी सुधा मूर्ति हमेशा आगे रहती हैं। ऐसे में उन्हें इसी साल पद्म भूषण से सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा कई टेलीविजन शो में उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई सारे किस्सों का खुलासा भी किया है।