कभी पति करता था मारपीट आज ई रिक्शा ड्राइवर हैं पुष्पा, कहानी सुन भर आएंगी आंखें
punjabkesari.in Monday, Mar 15, 2021 - 03:16 PM (IST)
आज जब भी एक महिला अपने पति से अलग होने का फैसला लेती है या तलाक के बारे में सोचती है तो समाज के मन में एक ही ख्याल आता है कि पक्का महिला में ही कोई समस्या होगी या इस पर महिला का ही कसूर होगा लेकिन कहते हैं न कि हंसते हुए चेहरे के पीछे का दर्द हर कोई नहीं समझ सकता है। हो सकता है जो शख्स पूरा दिन आपके सामने हंसता हो वह रात को अकेले बैठ कर अपने सौ दर्द याद कर रोए। आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत सारी परेशानियां देखी लेकिन कभी हार नहीं मानी और आज वह ई रिक्शा ड्राइवर हैं और अपने परिवार को अच्छे से पाल रही हैं।
दरअसल हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उनका नाम पुष्पा निषाद है। जो लखनऊ के गोखले मार्ग की रहने वाली महिला ई-रिक्शा की ड्राइवर हैं। हालांकि जब पुष्पा रिक्शा लेकर बाहर निकलती है तो कईं लोग उसे गलत नजर से देखते हैं तो कईं लोगों को उनके मान होता है। पुष्पा के हाथों में रिक्शा की चाबी तो आई लेकिन इसके पीछे की कहानी का दर्द और नर्म से सख्त बनी पुष्पा को बहुत सारी चीजों ने बदला। खबरों की मानें तो जब उत्तर प्रदेश में पहली बार महिलाओं का ई-रिक्शा ड्राइवर का लाइसेंस बना था तब उन सात महिलाओं में से एक पुष्पा भी थीं।
शुरूआत में लगा डर लेकिन आगे बड़ी
यह मनुष्य जाति का स्वभाव है कि जब भी वो कोई नई चीज करने की सोचता है तो उसे डर लगता है। डर इस वजह से नहीं लगता है कि आप दूसरे से कम हैं बल्कि इस वजह से लगता है कि आप उस चीज को कैसे सीखेंगे और कुछ ऐसा ही पुष्पा के साथ हुआ। पहली बार ई-रिक्शा चलाने में पुष्पा को परेशानी हुई लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाए और उस काम से भाग जाने की बजाए इसे ट्राई करना चाहा। यही कारण है कि आज वो न सिर्फ ई रिक्शा बल्कि कार तक यूं आसानी से चला लेती हैं।
जब पति ने किया था पुष्पा पर अत्याचार
पति पत्नी का रिश्ता सिर्फ नाम का ही नहीं होता है। पति पत्नी तो गाड़ी के वो पहिए होते हैं जिनका साथ चलना जरूरी होती है क्योंकि अगर एक भी पहिया साथ नहीं चलेगा तो गाड़ी गिरेगी ही। आज चाहे जमाना आगे निकल गया है लेकिन बहुत सारी महिलाएं ऐसी है जो आज भी घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं और उसे चुप चाप सहती हैं। पुष्पा की शादी को भी बहुत सारे गम मिले। उनके पति शराबी थे और शराब पीकर उन्हें रोजाना मारते थे। शादी के कईं सालों तक ऐसा ही चला लेकिन पुष्पा को इस बात की उम्मीद थी कि शायद एक दिन सब ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक दिन तो पुष्पा की जिंदगी में ऐसा आया कि उनके पति ने शराब के नशे में उन्हें बहुत मारा। इतना ही नहीं उन्हें सड़क पर खींच खींच कर मारा। साथ ही पुष्पा की मानें तो पति ने उनके प्राईवेट पार्ट में डंडा डाल दिया और दो तीन दिनों एक घर में बंद करके रखा।
इस घटना के बाद टूट चुकी थीं पुष्पा
पति की इस हैवानियत के बाद पुष्पा का इलाज चला और वह पति से हमेशा हमेशा के लिए अलग हो गई। लेकिन इस घटना ने पुष्पा पर गहरा असर डाला। वह सदमें में चली गई थीं।
इस तरह बदली जिंदगी
जब इस घटना के बारे लखनऊ में एक संस्था को पता चला तो उन्होंने उनकी मदद की और उन्हें सदमें से बाहर निकालने में काम किया। इसी संस्था ने पुष्पा को ई-रिक्शा ड्राईवर की ट्रेनिंग करवाई और साल 2017 से पुष्पा ई-रिक्शा चला रही हैं।
पहले दिन आई मुश्किल
पुष्पा ने जब ई-रिक्शा चलाना शुरू किया तो पहले दिन उन्हें काफी दिक्कत हुई क्योंकि वह पहले दिन किसी को आवाज तक नहीं लगा पा रही थीं। पुष्पा की मानें तो उन्हें इस बात का अफसोस नहीं है कि उनके साथ क्या हुआ लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि वह सिंगल मदर होकर भी अपने तीनों बच्चों की परवरिश कर रही हैं। पुष्पा को इस बात बिल्कुल भी गम नहीं है कि वह सिंगल मदर हैं बल्कि वह इस बात के लिए खुश हैं।
लोगों के घर झाड़ू पोछा भी किया
रिपोर्टस की मानें तो पुष्पा के पास जब घर बार नहीं था तो वह नदी किनारे झोपड़ी बनाकर रहती थी। घर चलाने के लिए और बच्चों का पेट पालने के लिए वह घरों में झाड़ू पोछे का काम भी किया करती थी। पुष्पा ने घरों में केयर टेकर का काम भी किया।
दूसरी महिलाओं को भी ट्रेनिंग देती हैं पुष्पा
आज पुष्पा खुद तो आत्मनिर्भर है ही साथ ही वह अन्य महिलाओं को भी इसकी ट्रेनिंग देती हैं। जिनमें से कुछ महिलाओं तो काम सीख भी गई हैं और वह रिक्शा भी चलाती हैं।
सच में पुष्पा आज उन सभी के लिए मिसाल है जो लोगों की बातों की डर से और समाज के डर से काम करना और आगे बढ़ना छोड़ देते हैं। एक बात हमेशा याद रखिए कि लोगों का काम बाते करना है आप चाहे अच्छा करे या बुरा वह हमेशा आपके बारे में बाते ही करेंगे।