इस देश में बुजुर्गों के लिए बना है स्पेशल ट्रैफिक नियम

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2019 - 02:43 PM (IST)

सड़क पर बढ़ती हुई ट्रैफिक के कारण बुजुर्गों को सड़क पार करने में काफी दिक्त होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सिंगापुर में बुजुर्गों के लिए स्पेशल ट्रैफिक नियम बनाए गए है। जहां बुजुर्ग व दिव्यांग लोग सड़क पार करने के लिए एक कार्ड स्वाइप करके ट्रैफिक को कुछ अधिक देर के लिए रोक सकते है। 10 साल पहले लांच की गई इस स्कीम को अब और विस्तार दिया जा रहा हैं। पैदल चलने वालों को सड़क पार करते हुए बेहद ध्यान रखना पड़ता हैं। 

सैंसर से लैस ट्रैफिक लाइट्स 

सिंगापुर में सरकार ने बुजुर्गों व दिव्यांग लोगों को सड़क पार करते हुए समय ट्रैफिक रोकने के अधिकार दिए हुए हैं। इसके लिए ट्रैफिक लाइट में एक छोटा सा सैंसर लगा हुआ है। जिसे ग्रीन मैन प्लस कहते हैं। जिसमें वह अपना कार्ड स्वाइस करते है जिसके बाद रोशनी जल उठती है व बीप की आवाज आती है। इसके बाद सैंसर अधिक समय तक ग्रीन लाइट ऑन रखता है ताकि बुजुर्ग व दिव्यांग व्यक्ति आराम से सड़क पार कर सकें। 

सिंगापुर में हैं बुजर्गों की बड़ी आबादी 

इस पहल को शुरु करने के पीछे का कारण यह है कि सिंगापुर में दक्षिण - पूर्व एशिया की सबसे अधिक बुजुर्ग आबादी होती है। 2018 में कुल जनसंख्या में 13.7 प्रतिशत 65 साल से अधिक आयु के लोग पाए गए थे। वहीं अमेरिका के अनुसार 2050 तक सिंगापुर के आधे लोगों की आयु 65 साल या इससे अधिक हो जाएगी। 

बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों की कम होती है गति

2017 में यूनिवर्सिटी कालेज लंदन की गई रिसर्च के अनुसार यूनाइटिड किंगडम व अमरीका में सड़क पार करने की औसत गति 1.2 मीटर प्रति सैकेंड थी, जबकि अधिक उम्र के लोग 0.8  से 0.9 मीटर प्रति सैकेंड से सड़क पार करते हैं। यह गति बढ़ती उम्र के साथ ओर भी कम हो जाती हैं। यहीं कारण है कि सीनियर सिटीजन व्यस्त सड़क पर चलने से बचते  हैं।

2009 में शुरु की गई थी योजना

सिंगापुर में सबसे पहले 2009 में प्रयोग के लिए शहर में 5 ट्रैफिक क्रांसिंग पर सेंसर लगा कर यह योजना शुरु की गई थी। उसके बाद से सरकार को पूरे देश में यह योजना शुरु करने का आग्रह किया जा चुका हैं। 2018 तक 1000 क्रॉसिंग्स पर यह सेंसर लगाए जा चुके है। इस दौरान मिलने वाला अधिक समय इस पर निर्भर करता है कि सड़क कितनी लंबी है व वहां पर कितना अधिक ट्रैफिक रहता हैं। वहीं 2026 तक इसे 1500 तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही हैं। 
 

Content Writer

khushboo aggarwal