इस लड़की ने एड्स पीड़ित बच्ची के लिए छोड़ दी डॉक्टर की नौकरी

punjabkesari.in Friday, May 04, 2018 - 01:25 PM (IST)

दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे को दुख को अपना दुख समझते हैं और उनकी मदद के लिए हाथ भी आगे बढ़ाते हैं। हम बात कर रहे हैं सना शेख की, जो पेशे एक डॉक्टर हैं। सना ने कॉर्पोरेट अस्पताल में नौकरी करने की बजाए एड्स फांउडेशन में काम करके इस एड्स रोग से पीडित लोगों की मदद करने की ठानी। इतना ही नहीं उन्होंने एक एचआईवी पॉजीटिव से पीडित बच्ची को गोद भी लिया। 


जब सना मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी, तब उन्हें एड्स फांउडेशन में काम करने का मौका मिला। इसी दौरान उनकी एड्स पीडित एक बच्ची से मुलाकात हुई, जिसकी उम्र महज 11 साल की थी। जो न तो कुछ बोलती थी और न ही कुछ खाने के लिए कहती थी। सना ने हर समय गुपचुप रहने वाली इस बच्ची को गोद लिया। 
 

किसी से बात न करने वाली यह बच्ची धीरे-धीरे सना से घुलना-मिलना शुरू हो गई। इसके बाद उसने आर्थिक तौर पर उस बच्ची को गोद लिया और आज वह उसकी अपनी बेटी की तरह देखभाल करती है। सना ने बाकी मेडिकल स्टूडेंट की तरह कॉलेज खत्म होने के बाद  एक कॉर्पोरेट हॉस्पिटल ज्वाइन कर लिया, इसके बाद 10 दिन उन्हें अहसास हुआ की वह अपनी नौकरी छोड़ एड्स फांउडेशन में काम करेगी हालांकि इसके लिए उन्हें 70 प्रतिशत कम सैलरी मिलती थी लेकिन यह काम उनके लिए संतुष्टि से भरा था। 


इसके बाद सना ने दोबारा फिर कॉलेज लौटने का फैसला किया और हैदराबाद के इंडियन बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में एमबीए किया। 30 साल की उम्र में वह एसोसिएट डायरेक्टर की जिम्मेदारी को निभा रही है। सना का कहना है कि दुनिया में बदलाव लाने के लिए दूसरों की मदद करना मत भूलिए। आप अपने काम के साथ भी मददगार बन सकते हैं। 

 


 

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