मिलिए IAS Smita Sabharwal से जिन्होनें महज 22 साल की उम्र में संभाला सीएम ऑफिस का जिम्मा

punjabkesari.in Thursday, Dec 29, 2022 - 11:52 AM (IST)

जरुरी नहीं है कि फिल्मों और टीवी में ही काम करके ही किसी को फेम मिले। कई बार लोग अपने शानदार काम और मुकाम के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही शक्सियत के बारे में बताने वाले हैं। आईएएस स्मिता सभरवाल 2000 बैच की आईएएस हैं और अक्सर अपने कार्य की वजह से चर्चा में रहती हैं। एक इंटरव्यू  उन्होनें कहा कि, 'यह सोचना गलत है कि केवल कठिन अध्ययन करके ही कोई सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता पा सकता है। अंतिम दौर में चयन के लिए आपकी रुचियों और शौक को भी ध्यान में रखा जाता है।'

टॉपर हैं  आईएएस स्मिता सभरवाल

आईएएस  स्मिता सभरवाल को जनता अधिकारी के रुप में भी जाना जाता है। एक आईएएस अधिकारी के रुप में उनके अनुकरणीय कार्य ने उन्हें कई प्रशंसाएं अर्जित की हैं और वह पूरे देश में आईएएस उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। वो 2000 की यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल करने वाली आईएएस टॉपर थीं।

कहां से की है पढ़ाई?

स्मिता मूल रुप से दार्जिलिंग की रहवे वाली हैं और 12 कक्षा तक की पढ़ाई उन्होनें हैदारबाद से पूरी की। स्मिता मे बारहवीं कक्षा ( आईसीएसई बोर्ड) में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्होनें सेंट फ्रांसिस डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन से बी.कॉम किया। सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में स्मिता तो असफल रहीं, लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी और साल 2000 में दूसरे प्रयास में न केवल परीक्षा पास की बल्कि 4वीं रैंक भी हासिल की।

ईमानदार अधिकारी हैं स्मिता सभरवाल 

स्मिता सभरवाल को ईमानदार आईएएस अधिकारी के रुप में जाना जाता है। वारंगल में नगर निगम आयुक्त के रुप में उन्होनें फंड योर सिटी योजना शुरु की थी। इसके साथ-साथ उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ फुट ओवर ब्रिज ट्रैफिक जंक्शन, पार्क, बस स्टॉप जैसी बड़ी संख्य में सार्वजनिक उपयोगिताओं का निर्माण किया गया।

सीएम ऑफिस में हुई तैनात

आईएएस स्मिता तेलंगाना के सीएम के कार्यालय में तैनात होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। वहीं उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होनें आईपीएस ऑफिसर डॉ अकुन सभरवाल से शादी की है। उनके दो बच्चे नानक और भुविश हैं। वहीं स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में रहती हैं। उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के जुनून को सराहा जाता है। 


 

Content Editor

Charanjeet Kaur