Women Health: शरीर में आए ये 8 बदलाव हार्मोन्स में गड़बड़ी का संकेत

punjabkesari.in Wednesday, Jun 30, 2021 - 04:20 PM (IST)

हार्मोन्स मूड, मासिक धर्म, प्रजनन क्षमता, मेटाबॉलिज्म, मानसिक स्वास्थ्य आदि को नियंत्रित करते हैं। साथ ही आप कैसा महसूस करते हैं, इसमें भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। हार्मोन शरीर में ऐसे रासायनिक संदेशवाहक होते हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों में बनते हैं। अगर शरीर में इनका बैलेंस बिगड़ जाए तो महिलाओं को मोटापा, पीसीओडी, स्वभाव में चिड़चिड़ापन जैसी कई समस्याएं झेलनी पड़ सकती है।

हार्मोनल असंतुलन के कारण

आपके आस-पास का वातावरण, आदतें, आहार, दवाएं जो आप नियमित रूप से ले रही हैं, सभी शरीर में हार्मोन को प्रभावित करते हैं। शोध की मानें तो 80% महिलाओं को अपने जीवन में कम से कम 1 बार हार्मोनल असामान्यताओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ हार्मोनल समस्याएं सूजन, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट या ऑटोइम्यून विकारों के कारण हो सकती हैं।

यहां हम आपको कुछ संकेत बताएंगे, जिससे आप जान सकती हैं कि शरीर में हार्मोन्स का स्तर बिगड़ गया है...

अनियमित पीरियड्स

असंतुलित हार्मोन के सबसे आम लक्षणों में से एक अनियमित मासिक धर्म चक्र। पीरियड्स समय पर ना आना, हैवी ब्लड फ्लो संकेत है कि शरीर में हार्मोन्स का स्तर बिगड़ गया है।

बार-बार पिंपल्स होना

हार्मोन्स में गड़बड़ी के कारण चेहरे पर बार-बार मुंहासे, पपल्स, सिस्ट, व्हाइटहेड्स और ब्लैकहेड्स जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

छोटी-छोटी बातें भूलना

शरीर में 'एस्ट्रोजन' और 'प्रोजेस्टेरोन' नामक हार्मोन के स्राव में असंतुलन के कारण याददाश्त कमजोर हो सकती है। ऐसे में अगर आप छोटी-छोटी बातें भूल रही हैं तो डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं।

पेट फूलना

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के अत्यधिक स्तर के कारण पेट में सूजन, कठोर पेट और गैस्ट्रिक, मोटापा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

वजन बढ़ना या कम होना

हार्मोन्स शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करते हैं, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है। वहीं, हार्मोनल स्तर में गड़बड़ी के कारण थायरॉयड ग्रंथि प्रभावित होती है, जिससे वजन कम या बढ़ सकता है।

अनिद्रा

नींद न आना और खराब नींद पैटर्न शरीर में हार्मोन्स असंतुलन का परिणाम है। शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

मूड स्विंग्स

शरीर में एस्ट्रोजन, सेरोटोनिन, नॉरपेनेफ्रिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन्स के स्तर में ऊतार-चढ़ाव होने से वजन कम या ज्यादा हो सकता है। वहीं, मासिक धर्म चक्र में एस्ट्रोजन की मात्रा में उतार-चढ़ाव के कारण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम यानि पीएमएस का कार भी बन सकता है।

अत्यधिक थकान

दिन भर के काम के बाद किसी को भी मानसिक और शारीरिक थकान महसूस होना सामान्य बात है। लेकिन बेवजह थकान का अनुभव कर रहीं है तो थायरॉयड ग्रंथि की जांच करवाएं।

याद रखें, जब आप अपने शरीर को सही पोषण देते हैं और व्यायाम करके उसे स्वस्थ रखते हैं तो इससे हार्मोन्स भी संतुलित रहते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput