बच्चे को डिप्रेशन का शिकार बना सकती है आपकी 'हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग'

punjabkesari.in Thursday, Nov 08, 2018 - 05:40 PM (IST)

बच्चे के पालन-पोषण में अपनाया जाना वाला तरीका और उससे जुड़ी छोटी से छोटी बात का ध्यान रखना पेरेटिंग का हिस्सा है। कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे को इतने ज्यादा लाड़-प्यार और छोटी-छोटी बातों पर पूछताछ करते हैं कि वे 'ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंटिंग' का शिकार हो जाते हैं, जिसे 'हेलिकॉप्टर पेरेंटिंग' भी कहते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो बच्चों के लालन-पालन में का यह तरीका बहुत घातक है। इस तरह के बच्चे डर के साय में जीते हैं, वर्तमान में किसी भी चीज का निर्णण लेने में वे असमर्थ होते हैं। आप भी अपने लाड़ले को जरूरत से ज्यादा प्यार करते हैं तो जान लें इसके और भी कई नुकसान। 


1. बच्चे पर बुरा असर
बच्चे की हर छोटी सी छोटी हरकत पर नजर रखना कई बार गलत साबित भी हो सकता है। वे कई बातों मां-बाप से छुपाने लगता है। वह महसूस करता है कि उसे हर चीज के लिए जवाब देना पड़ेगा। कई बार इस डर की वजह से वह गलत रास्ता अपना लेता है। 

2. ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंटिंग के नुकसान
जरूरत से ज्यादा बच्चे की देखभाल नुकसान दायक है। इससे उसके आत्मविश्वास में कमी आने लगती है। बिना केयर कुछ भी करने की हिम्मत नहीें जुटा पाता। 

3. अकेलापन महसूस करना
इस तरह के बच्चे का स्वभाव बदलता रहता है। कभी बहुत गंभीर तो कभी वह अकेलापन महसूस करने लगता है। 

4. खुशी नहीं दवाब में करता है काम  
पेरेंट्स बच्चे पर जितना ज्यादा दवाब बनाते हैं, वह उनकी उम्मीदों खरा उतरने में असमर्थ हो जाता है। इसका कारण उसका खुद की खुशी से नहीं बल्कि दवाब में आकर काम करना है।  
 

5. तनाव का शिकार
हर समय देखरेख में रहने के कारण बच्चा मानसिक रूप से परेशान होने लगता है। वह किसी चीज को आसानी से समझ नहीं पाता। अपनी खुशियों को मन में दबाने से जल्द ही वह तनाव का शिकार हो जाता है। 

6. खुद के निर्णय लेने में असमर्थ 
बच्चे को जब हर छोटी से छोटी बात के लिए भी सलाह दी जाती है तो वह खुद के निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है। भविष्य में वह सही और गलत के बीच फर्क महसूस नहीं कर पाता। 

7. गलती करने से मिलती है सीख 
गलती करने से रोकना भी अच्छी बात नहीं है। जब तक वह कोई गलती नहीं करेगा तब तक उसे कोई सीख नहीं मिल पाएगी। कभी-कभी उसे गलती का अहसास होने दें। 
 

Content Writer

Priya verma