कई Miscarriage झेल चुकी हैं शिल्पा, इस बीमारी के कारण नहीं बन पाई दोबारा मां

punjabkesari.in Wednesday, May 13, 2020 - 03:11 PM (IST)

बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी की बेटी तीन महीने की होने जा रही है। बता दें कि वह सेरोगेसी के जरिए एक नन्ही परी की मां बनी है, जिसकी वजह से उन्हें काफी ट्रोल भी होना पड़ा। मगर, कम ही लोग जानते हैं कि उन्हें एक बीमारी के चलते सेरोगेसी का सहारा लेना पड़ा।

कई Miscarriage झेल चुकी हैं शिल्पा

शिल्पा ने बताया कि बेटे वियान के बाद उन्होने दोबारा मां बनने की कोशिश की लेकिन कंसीव करते कुछ समय बाद मिसकैरिज हो जाता। जब उन्होंने जांच करवाई तो पता चला कि वह APLA नामक बीमारी के कारण कंसीव नहीं कर पा रही है। ऐसे में सेरोगेसी उनका लास्ट ऑप्शन था और इसे सफल होने में भी तीन बार प्रयास करना पड़ा।

क्या है APLA बीमारी

एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (APLA Disease) एक ऑटो इम्युन डिजीज है, जिसकी वजह से मां बनने में दिक्कत आती है। इसमें शरीर में रोगों से लड़ने वाला इम्यून सिस्टम खून में मौजूद सामान्य फॉस्फोलिपिड नामक वसा व प्रोटीन पर गलती से हमला करके उन्हें नष्ट करने लगता है, जिसे एंटीबॉडी भी कहते है। इसके कारण नसों व भीतरी अंगों में खून के थक्के बनने लगते हैं, जिससे गर्भाशय में गर्भ विकसित ही नहीं हो पाता और मिसकैरज हो जाता है।

बीमारी के लक्षण

. टांगों में खून का थक्का:
. प्रभावित हिस्से में दर्द, सूजन और लालिमा
. बार-बार गर्भपात
. हृदय रोग न होते हुए भी स्ट्रोक आना
. ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक (टीआईए): 
. त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना
. हाथ या पैरों में झुनझुनी होना

एंटीफोस्फोलिपिड सिंड्रोम के कारण

. स्व प्रतिरक्षित रोग के चलते इम्यून सिस्टम गलती से एंटीबॉडी बनाना शुरु कर देता है।
. संक्रमण की वजह से भी एंटीफोस्फोलिपिड सिंड्रोम हो सकता है।
. कुछ दवाओं की सेवन की वजह से।
. बिना किसी अंदरुनी कारण के भी एंटीफोस्फोलिपिड सिंड्रोम विकसित हो सकता है।

एंटीफोस्फोलिपिड सिंड्रोम का इलाज

एंटीफोस्फोलिपिड सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है लेकिन थक्का-रोधी दवाओं से खून का थक्का बनने की स्थिति को कम किया जा सकता है। थक्के को दोबारा विकसित होने से रोकने के लिए, कुछ लोगों को खून पतला करने की दवाएं लंबे समय तक खानी पड़ती हैं।

गर्भवती महिलाओं का इलाज

गर्भवती महिलाओं को खून पतला करने के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। डिलीवरी से कुछ समय पहले तक एस्पिरिन की कम खुराक दी जाती है। बच्चे के जन्म के बाद इलाज को फिर से शुरू कर दिया जाता है। मगर, इसका इलाज बीमारी की स्टेज पर निर्भर करता है।

इसके अलावा खून का थक्का बनाने वाली कुछ बीमारियां व आदतों को भी कंट्रोल करें...

. हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें
. वजन ना बढ़ने दें
. धूम्रपान का सेवन
. एस्ट्रोजन थेरेपी बंद कर दें।
. इसके अलावा डायबिटीज और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर को भी कंट्रोल में रखें।
. डाइट में खून को पतला व बढ़ाने वाले फूड्स लें।
. अधिक से अधिक पानी पीएं।
. रोजाना एक्सरसाइज, योग जरूर करें।

Content Writer

Anjali Rajput