शाहिद की इस एक्ट्रेस को हुई अजीब बीमारी, बोली- मैं हमेशा शर्मिंदगी महसूस करती हूं

punjabkesari.in Wednesday, Jun 29, 2022 - 11:37 AM (IST)

बॉलीवुड एक्ट्रेस, मॉडल और ट्रैवल राइटर शहनाज ट्रेजरी इन दिनों बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। इश्क विश्क फेम शहनाज भले ही पर्दे से दूर है लेकिन सोशल मीडिया के जरिए वह फैंस के साथ जुड़ी रहती है। अब उन्होंने एक पोस्ट में अपनी गंभीर बीमारी का खुलासा किया है, जिसके बाद लोग उनके जल्द ठीक हाेने की कामना कर रहे हैं। 


एक्ट्रेस ने बताया कि वह प्रोसोपैग्नोसिया से ग्रसित हो गई है, जिसके बारे में उन्हे अभी मालूम हुआ है। शहनाज ने अपने पोस्ट में लिखा- मैं हमेशा से शर्मिंदगी महसूस करती थी कि मैं लोगों के चेहरे पहचान नहीं पाती हूं। मुझे सिर्फ आवाजें पहचान में आती थी। उन्होंने अगले पोस्ट में कहा- "हां ये मैं हूं, मुझे एक मिनट लग जाते हैं समझने में कि सामने कौन है। कभी-कभी ये कोई क्लोज फ्रेंड भी होते हैं, जिन्हें मैंने कुछ समय से देखा नहीं होता"। 

शहनाज ने कहा कि "मुझे पहचानने में दिक्कत होती है। मैं पहचान नहीं बता सकती अगर मेरे सामने दो एक जैसे कद-काठी के शख्स खड़े हों तो मैं उन्हे आसानी से पहचान नहीं पाती"।  उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- "पहले मुझे लगता था मैं बेवकूफ हूं, लेकिन नहीं मैं बीमार हूं। मैं अपनी पूरी जिंदगी ये सोचती रही कि मैं क्यों लोगों को पहचान नहीं पाती हूं। मुझे प्रोसोपैग्नोसिया 2 के बारे में पता चला है। अब मुझे समझ आया है कि मैं क्यों चेहरों को साथ में नहीं रख पाती थी"। 

शहनाज ने लोगों से अपील करते हुए कहा- "प्लीज, मुझे समझे, मैं अनजान नहीं बनती थी, ये सब एक कारण से था।  ये एक असली दिमागी तकलीफ है, कृप्या मुझे समझें"। बता दें, 2003 में आई फिल्म 'इश्क-विश्क' से शहनाज ने बी-टाउन में डेब्यू किया था। इस फिल्म में वे शाहिद कपूर की गर्लफ्रेंड के रोल में दिखी थीं। उन्होंने 'लव का द एंड', 'डेल्ही-बेली', 'मैं और मिस्टर राइट', 'हम-तुम', 'उमर', 'आगे से राइट', 'रेडियो' 'वन लाइफ टू लिव' जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

क्या है प्रोसोपैग्नोसिया

प्रोसोपैग्नोसिया एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति लोगों  की पहचान करने में सक्षम नहीं हो पाता है। इस बीमारी के शिकार लोग आंखें, नाक, मुंह को अलग-अलग देख सकते हैं लेकिन किसी के चेहरे को मुकम्मल रूप से नहीं देख पाते, न ही चेहरे के भाव या मुद्राएं पहचान पाते हैं। हालांकि सामने वाले व्यक्ति को लगता है कि वह उसे इग्नोर कर रहा है, लेकिन असल में पीड़ित चेहरा पहचान नहीं पाता है।  इस तरह की समस्या लगभग दो प्रतिशत लोगों में देखी गई है।


प्रोसोपैग्नोसिया के लक्षण
 


-परिवार के सदस्यों और परिचितों के चेहरे को पहचानने में कठिनाई
-दर्पण में या तस्वीरों में किसी के चेहरे को पहचानने में कठिनाई 
-चेहरे के भावों को देखने और पहचानने में कठिनाई 
-सार्वजनिक स्थानों पर जाने में असहज महसूस करना। 
-स्कूल, कॉलेज और ऑफिस जैसे स्थानों पर अलग-थलग रहना


 

Content Writer

vasudha