शादी में दूल्हा-दुल्हन क्यों पहनाते हैं एक-दूसरे को वरमाला ,  क्या आप जानते हैं इस रस्म के पीछे की वजह ?

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 03:03 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत जैसे सांस्कृतिक देश में शादी के  दौरान तरह-तरह के रीति रिवाज निभाए जाते हैं।  तमाम रस्में होने के बाद एक शादी पूरी होती है। इन रस्मों के पीछे सिर्फ धार्मिक मायने नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक तथ्य भी छिपे हैं। बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते होंगे कि शादी में दूल्हा और दुल्हन द्वारा एक-दूसरे को वरमाला क्यों पहनाते हैं। ऐसे में आज हम आपको यहां शादी में वरमाला के महत्व को बता रहे हैं।

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वरमाला पहनाने के पीछे का कारण

वरमाला पहनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे को जीवन साथी के रूप में स्वीकृति देते हैं। यह एक-दूसरे के प्रति सम्मान0 और प्यार का प्रतीक है। वरमाला पहनाने की रस्म यह दिखाती है कि दूल्हा और दुल्हन अब समान स्तर पर हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर जीवन जीने की शपथ लेते हैं। यह रस्म दूल्हा और दुल्हन के बीच प्रेम और समर्पण को दर्शाती है। दोनों एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर अपने जीवन को एक-दूसरे के साथ साझा करने की प्रतिज्ञा करते हैं।

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शुभता और मंगलकामना


वरमाला में आमतौर पर फूलों का प्रयोग किया जाता है, जो शुभता, शांति और प्रेम का प्रतीक होते हैं। यह रस्म दंपति के लिए एक सुखद और समृद्ध जीवन की कामना के साथ की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, वरमाला पहनाने की परंपरा भगवान विष्णु और देवी लक्ष्म के विवाह से जुड़ी है। इसे दिव्य प्रेम और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है।

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सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू

 यह रस्म समाज के सामने यह घोषणा करती है कि दोनों ने एक-दूसरे को जीवन साथी के रूप में स्वीकार कर लिया है। यह केवल दूल्हा और दुल्हन का नहीं, बल्कि दो परिवारों के बीच भी संबंध स्थापित करता है। सालों से चलती आ रही इस परंपरा को ना सिर्फ आम लोग बल्कि स्टार्स भी फॉलो करते हैं।


 


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vasudha

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