MBBS का सपना देखते- देखते किसान की बेटी बन गई IAS, बिना किताबों के पास की यूपीएससी
punjabkesari.in Monday, Oct 11, 2021 - 01:04 PM (IST)
मुश्किलें किसके जीवन में नहीं है, लेकिन इसे हराने की हिम्मत हर कोई नहीं रख पाता है। जो मुश्किलों से लड़कर उन्हें हरा देता है वह ही जीवन जीता है। ऐसा ही कुछ सिखाया है हमें केरल की एनीस कनमनी जॉय और उनके पिता ने। किसान की इस बेटी ने आईएएस बनने के लिए जो कर दिखाया, ऐसे करने की शायद ही कोई हिम्मत कर पाएगा।
कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे
केरल के पिरवोम के छोटे से गांव पंपाकुड़ा की रहने वाली एनिस आज आईएएस ऑफिसर बन देश की सेवा कर रही है। किसान की बेटी की आर्थिक हालात इतने अच्छे नहीं थी कि वह IAS की कोचिंग के लिए लाखों रुपये खर्च कर सके। ऐसे में उन्होंने अखबार पढ़-पढ़ के नर्स ने अफसर बनने का सफर तय किया।
MBBS में नहीं हो पाया दाखिला
एनीस बचपन से ही एक डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में ख़राब रैंक आने के कारण उन्हें MBBS में दाखिला नहीं मिला। इसीलिए उन्होंने त्रिवेंद्रम गवरमेंट मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग में BSc की पढ़ाई पूरी की। नर्स बनने के बाद एनिस ऐसाकुछ करना चाहती थी , जिसमें उसे मान-सम्मान मिले और वह दूसरों की मदद कर सके।
2010 में पहली बार दी परीक्षा
किताबों ना होने पर जॉय ने सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया और वह हर दिन अखबार से करंट अफेयर्स के साथ-साथ खुद को अपडेट रखती थी। 2010 में एनीस पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और पहली बार में ही उन्होंने ऑल इंडिया 580वां रैंक प्राप्त कर लिया। 2011 में फिर से परीक्षा दी, इस बार 65वां रैंक पाकर उन्होंने आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर लिया।
एनीस ने रचा इतिहास
एनीस ने यह इतिहास भी रच दिया था कि पहली बार कोई नर्स आईएएस के पद पर बैठने वाली थी। एनीस इस बात का सबूत हैं कि अगर सही मार्गदर्शन मिले और सच्ची लगन के साथ अपने लक्ष्य की और कदम बढ़ाया जाए तो सफलता पाना मुश्किल नहीं है।