Hariyali Teej 2020: भगवान शिव-पार्वती का खास दिन, हरे रंग का भी जानिए महत्व

punjabkesari.in Thursday, Jul 23, 2020 - 02:16 PM (IST)

आज हरियाली तीज है। प्रेम और सौंदर्य की प्रतीक इस पर्व को श्रावणी तीज भी कहते हैं। आपको बता दें कि इस तीज का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से हैं और इस दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा करती हैं। 

भगवान शिव-पार्वती के मिलन का दिन 

शिव पुराण के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए सुहागन स्त्रियों के लिए इस व्रत की बड़ी महत्ता है। इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना। इसके
अलावा अच्छे वर प्राप्ती के लिए कुवांरी महिलाएं भी हरियाली तीज का व्रत कर सकती हैं।

हरे रंग का खास महत्व 

हरियाली यानि की हरा इसी लिए इस दिन हरे रंग का खास महत्व होता है क्योंकि सावन मास में चारों तरफ हरियाली हो जाती हैं। सावन के दौरान ही प्रकृति में परिवर्तन होता है। इसके अलावा शिव और पार्वती माता प्रकृति के बेहद करीब रहते हैं और उन्हें पृथ्वी का हरा रंग बहुत पसंद है। महिलाएं सुबह घर का सारा काम कर सोलह श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं। विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके हरियाली तीज की कथा सुनती हैं। 

बता दें कि हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त  22 जुलाई 2020 दिन बुधवार को शाम 07 बजकर 22 मिनट से हो चुका है जो 23 जुलाई 2020 दिन गुरुवार को शाम 05 बजकर 03 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त: 23 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे से 12:55 तक।
अमृत काल: 23 जुलाई को दोपहर 03:29 बजे से 04:59 तक रहेगा। 

सोलह- श्रृंगार करना ना भूलें, इन बातों का रखें खास ख्याल

महिलाएं इस दिन को जरूर मनाएं और सोलह श्रृंगार करना ना भूलें लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जो महिलाओं को नहीं करने चाहिए। 


यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय रखने के लिए होता है इसलिए इस दिन पति से लड़ाई-झगड़ा या उन्हें नाराज ना करें। वैसे तो रिश्ते में इस दिन ही नहीं किसी दिन भी छल नहीं होना चाहिए। 
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जिन महिलाओं ने उपवास रखना होता हैं। उन्हें दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। 
क्रोध करने से बचे। दिन को हंसी खुशी और शांत मन से गुजारें। 
व्रत रखा हैं तो सोने से बचें। भगवान शिव-माता पार्वती का पूजन करें। 
 

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Vandana