'बेटे चंद पैसों के लालच में गलत चीजों का प्रचार ना करना' पिता की बात याद कर भावुक हुए Sanjay Dutt
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 07:29 PM (IST)

नारी डेस्कः बॉलीवुड के हैंडसम-दमदार एक्टर की बात हो तो संजय दत्त के पिता सुनील दत्त का नाम जरूर लिया जाता है। वह उन कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने एक्टिंग से तो लोगों का दिल जीता ही था, साथ ही वह अपनी नेक शख्सियत के लिए भी जाने जाते रहे हैं। समाज सेवा और राजनीति में भी उन्होंने अपनी अलग गहरी छाप छोड़ी। संजय दत्त आज भी अपने पिता सुनील दत्त की यादों और समझाई बातों को याद कर भावुक हो जाते हैं। ऐसी ही एक बात उन्हें अपने पिता की ये भी याद रही जब उन्होंने कहा था कि बेटे चंद पैसों के लालच में गलत चीजों का प्रचार ना करना। अपने पिता को संजय दत्त हर दिन हर पल याद करते हैं।
सुनील दत्त का जन्म पाकिस्तान के झेलम जिले का था। जब बंटवारा हुआ तो परिवार भारत आ गया और यहीं से उनके स्ट्रगल की कहानी शुरू हो गई थी। मेहनत, लग्न और अपने टेलेंट से उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और फिल्म रेलवे प्लेटफॉर्म से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की हालांकि असली शोहरत उन्हें मदर इंडिया से मिली। इस फिल्म में वह नरगिस के बेटे बने थे और इसी फिल्म से दोनों की जिंदगी बदल गई।
सुनील दत्त सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं थे बल्कि एक संवेदनशील और जिम्मेदार इंसान भी थे। फिर वो आदर्श पति की भूमिका हो या आर्दश पिता की। जब नरगिस कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं, तब उन्होंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ नरगिस और बच्चों को संभाला। बेटे संजय दत्त के जीवन में आए कठिन समय में भी वे एक मजबूत सहारा बने रहे। संजय दत्त ने अपने पिता को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट में लिखा था- मैं आपसे प्यार करता हूं डैड और हर दिन आपकी याद आती है। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें न केवल पाला-पोसा बल्कि यह भी सिखाया कि जब जिंदगी कठिन हो जाए तो कैसे डटकर खड़ा रहना है।
संजय दत्त की बहन, प्रिया दत्त भी अपने पिता को याद कर कई बार भावुक हो जाती है एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि आपने हमेशा मुझे बताया कि लोग आपको आपकी दौलत या पद से नहीं बल्कि आपके अच्छे काम और नेक दिल से याद रखेंगे। प्रिया दत्त ने लिखा था कि आपने ऐसा नाम छोड़ा है जिसे हर वह व्यक्ति प्यार से याद करता है जिसने आपसे कभी मुलाकात की है। यही असली दौलत है जो आपने अपनी जिंदगी में कमाई है और आगे भी रहेगी। उनके पिता ने फिल्म इंडस्ट्री और समाज सेवा में बहुत काम किया लेकिन बदले में कुछ चाहा नहीं। उन्होंने कभी नहीं चाहा कि आपके नाम पर कोई स्टैच्यू बने। सुनील दत्त ने अपने बच्चों और परिवार के लिए बेइंतहा मोहब्बत रखी और आखिरी दम तक उसे निभाया भी।