पेट के आगे जहान सारा हारे! नन्हे बच्चे को पेट पर बांधकर चलाती है ऑटो, इनकी हिम्मत को हमारा भी सलाम

punjabkesari.in Wednesday, Mar 10, 2021 - 06:03 PM (IST)

एक महिला अपनी जिंदगी में बहुत सारे किरदार निभाती है। कभी वह खुद के सपने पूरे करने के लिए संघर्ष करती है, कभी बेटी बन मां-बाप की परवाह करती है, कभी पति की हिम्मत बन जाती है और बात जब उसके बच्चों की आती है तो वो कभी भी पीछे नहीं हटती है। मां शब्द सिर्फ एक शब्द नहीं है जबकि मां तो वो छाया है जिसके नीचे रहकर बच्चों पर आंच भी नहीं आती है। मां चाहे खुद भूखी सो जाए लेकिन वह अपने बच्चे को कभी भूखा नहीं सोने देती इसलिए तो वो मां है क्योंकि अपने लिए वो चाहे कुछ न करे लेकिन अपने बच्चों के लिए तो वह भगवान से भी लड़ जाती है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं जिसमें वह अपने एक साल के बच्चे को पेट के साथ बांधकर रिक्शा चला रही है। 

छत्तीसगढ़ की सड़कों पर रिक्शा चलाती है तारा 

दरअसल हम जिस महिला की बात कर रहे उसका नाम तारा प्रजापति है जो अपने 1 साल के बच्चे को पेट के साथ बांधकर परिवार के पालन पोषण के लिए ऑटो रिक्शा चलाती है। तारा के बुंलद हौसले के आगे तो बड़े बड़े लोग भी हार मान जाए लेकिन तारा लगातार इन हालातों के साथ लड़ रही है। 

गरीबी के कारण कर रही यह काम 

कोई मां यह नहीं चाहेगी कि वह अपने 1 साल के बच्चे को यूं पेट पर बांध कर रिक्शा चलाए लेकिन तारा के हालात इतने खराब हैं कि वह गरीबी को खत्म करने के लिए परिवार की दो वक्त की रोटी के लिए रिक्शा ड्राइवर बन गई ताकि वह गरीबी कम कर सके और अपने परिवार का पेट पाल सके। खबरों की मानें तो तारा 12वीं तक पढ़ी हैं। 

10 साल पहले हुई शादी 

तारा की शादी 10 साल पहले हुई थी। तब उनके परिवार की हालत ठीक नहीं थी। परिवार का पेट पालने के लिए तारा के पति ऑटो चलाते थे लेकिन इतने में गुजारा नहीं होता था ऐसे में तारा ही अपने पति की हिम्मत बनी। पति का साथ देकर तारा खुद भी ऑटो ड्राइवर बन गईं। 

आसान नहीं काम लेकिन परिवार की हिम्मत बनी तारा 

इस बात से तो हम मुंह नहीं फेर सकते कि सच में यह काम मुश्किल है। खासकर बच्चे को भी साथ में संभालाना और उसका भी पूरा ख्याल रखना आसान नहीं है। ऑटो चलाने के साथ तारा इस बात का भी पूरा ख्याल रखती है कि उसके बच्चे को कोई परेशानी ना आए इसके लिए वह उसे अपने पेट के साथ बांध कर रखती है और वह इस दौरान  पानी की बोतल और खाने का सामान भी साथ रखती है। 

वाकई तारा के इस जज्बे को सलाम करना तो बनता है क्योंकि ऐसा करना हर किसी के बस की बात नहीं है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो हालातों के आगे हार मान जाते हैं और दोबारा उठने की कोशिश नहीं करते हैं लेकिन तारा ने हिम्मत हारने से बेहतर यह समझा कि क्यों न वह आगे बढ़े और पति की हिम्मत बने। सच में हम भी तारा के इस जज्बे को सलाम करते है। 

Content Writer

Janvi Bithal