उन महिलाओं को सलाम जो घर के साथ संभालती हैं खेत का काम

punjabkesari.in Saturday, Mar 07, 2020 - 06:00 PM (IST)

अक्सर हम जब एक औरत की बात करते हैं तो या तो वह एक हाउस वाइफ होती है या फिर ऑफिस में 10 टू 6 जॉब करने वाली वर्किंग लेडी। मगर इन सब के बीच हम कहीं न कहीं उस औरत का नाम लेना भूल जाते हैं, जो घर संभालने के साथ-साथ खेत भी संभालती है। जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक 2012 में पाया गया कि भारत में 6 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं जो घर संभालने के साथ-साथ खेतों में भी काम करती हैं। आइए एक नजर डालते हैं उन महिलाओं के जीवन पर...

50 प्रतिशत से भी अधिक योगदान

अगर हम सिर्फ भारत की बात न करें तो पूरे विश्व में ही 50 प्रतिशत महिलाएं खेती से जुड़ी हैं। बात अगर पंजाब की करें तो बेशक महिलाएं मर्दों के मुकाबले कम खेतों में काम करती हैं, मगर खेतों में काम करने वाले नौकरों के लिए उन्हें 1 दिन में 10 लोगों के लिए 30 दिन का खाना एक दिन में बनाना पड़ता है। यह काम भी खेती के मुश्किल काम से कम नहीं है।

इन राज्यों में है सबसे अधिक योगदान

सर्च के मुताबिक हिमाचल, पंजाब, नागालैंड और राजस्थान में महिलाओं द्वारा सबसे अधिक खेती की जाती है। इसका मतलब रसोई में खाना पकाने से पहले उस भोजन को बीजने का काम भी एक औरत भली भांति जानती है।

पुरुषों के मुकाबले ज्यादा करती हैं मेहनत

एक मर्द केवल खेतों में काम करता है वहीं एक महिला खेत संभालने के साथ-साथ घर भी संभालती है। न केवल कृषि के मामले में बल्कि पशु पालन और मछली पालन में भी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। यहां तक कि जो दूध आपके घरों तक पहुंचता है, ज्यादातर वह दूध निकालने का काम घर की महिलाएं ही करती हैं।

15 अक्टूबर को मनाया जाता है महिला किसान दिवस

कृषि क्षेत्र में महिलाओं के इस योगदान को देखते हुए सरकार ने 15 अक्टूबर को पूरे भारत वश में महिला किसान दिवस मनाने का आदेश दिया है। जिसमें कृषि के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली सभी महिलाओं को पुरुस्कार देकर सम्मान भी दिया जाता है।

खेती बाड़ी की बदली दिशा

खेतों में काम करना खुद में ही सबसे मुश्किल काम है, मगर ये भारतीय महिलाएं न केवल अपने इस काम को बाखूबी पूरा करती हैं, बल्कि इन्होंने कई नए आविष्कारों के साथ दुनिया को चौंका भी दिया है। तो आज इस वुमेन डे पर ऑफिस में काम करने वाली वर्किंग महिलाओं के साथ-साथ हमें खेतों में अपना हुनर दिखाने वाली औरतों का भी सम्मान करना नहीं भूलना चाहिए। 

Content Writer

Harpreet