सायरा बानो होना आसान नहीं, बेवफाई मिली और सौतन भी आई, फिर भी की बेइंतहा मोहब्बत

punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 01:41 PM (IST)

बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार 7 जुलाई दुनिया से अलविदा कह गए। उनका असली नाम युसुफ खान था हालांकि लोग उन्हें प्यार से दिलीप साहब ही पुकारते थे। उनके जाने का गम पूरी इंडस्ट्री को है और रहेगा लेकिन एक शख्स जिसे सबसे ज्यादा गहरा सदमा लगा। वो थी उनकी बेगम सायरा बानो ... सायरा बानो होना आसान नहीं है।

सायरा बानो जैसे बनना हर औरत के लिए मुमकिन नहीं है। बेइंतहा प्यार करने वाली सायरा जो प्रेमिका, पत्नी, हम सफर और आखिर में मां भी बनीं। मां की तरह ही अपने शौहर की देखभाल की।। ऐसी महिला जिनकी जुबां पर और दिल में सिर्फ एक ही नाम था वो था युसुफ साहब, अपने जमाने की बेहद खूबसूरत-दिलकश एक्ट्रेस जो हर किसी के दिल में बस जाती थी लेकिन जितनी खूबसूरत सायरा की काया थी उससे कहीं अधिक खूबसूरत उनका दिल था।

उन्हें मन की मल्लिोका कहा जाए तो गलत तो नहीं होगा। पहले सायरा राजेंद्र कुमार को बेइंतहा प्यार करती थी और उन्हीं से शादी करना चाहती थीं लेकिन राजेंद्र शादीशुदा थे और 3 बच्चों के बाप भी। सायरा के घर वालों के कहने पर दिलीप कुमार ने ही उन्हें समझाया बस वहीं से सायरा दिलीप कुमार के प्यार में पड़ गई थी और यह प्यार इस कद्र गहरा हो गया कि जन्मों-जन्मों का साथ बन गया।

 

अपने बेशुमार प्यार के आगे सायरा ने किसी को नहीं आने दिया। पहले उन्होंने फिल्मों से लंबा ब्रेक ले लिया फिर जब वह मां नहीं बन पाई तो सौतन का दुख भी झेला। बच्चे की चाह में दिलीप साहब उन्हें छोड़ कर किसी और औरत के पास चले गए थे। कहते हैं कि औरत सबकुछ बर्दाश्त कर लेती है लेकिन अपने प्यार को किसी दूसरे के साथ बांट नहीं सकती ...सायरा बानो ने वो भी किया।

दूसरी शादी के बावजूद सायरा ने पति को नहीं छोड़ा और जब दिलीप कुमार ने वापिसी की तो भी पति की बेवफाई भूलकर सायरा ने अपनी दोनों बाहें फैला दी, बिना किसी शिकवे-शिकायत के... ये सायरा जी का ही दिल था जो शायद सबके पास नहीं होता। शायद कोई और महिला होती तो शायद रिश्ता टूट जाता।

 

ताउम्र वह बस दिलीप जी की प्रेमिका, पत्नी, दोस्त और हमसफर रही। आखिरी समय में भी जैसे वह दिलीप साहब को निहारती रही, चूमती रहीं, मानों कह रही हो कि हर जन्म बाद भी आओगे, मुझे ऐसा ही पाओंगे। सायरा ने कोई चाह, कोई चमक और कोई ग्लैमर अपनी मोहब्बत से बड़ा नहीं होने दिया।

जब भी मोहब्बत करना तो सायरा बानो जैसे करना कि ये दुनिया आपकी मिसाल दें। ऐसी सच्ची मोहब्बत हर किसी को नसीब नहीं होती दिलीप साहब इस मामले में भी बेहद खुशनसीब थे। सायरा बानो आज युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायी है। आज रिश्ते चंद मिंटों में टूटते जा रहे हैं... पार्टनर के पास एक दूसरे की बात सुनने की सहनशीलता ही नहीं है। ऐसी जोड़ियां सच में आज की पीढ़ी के लिए मिसाल है।

Content Writer

Vandana