गुरुद्वारा मणिकरण साहिब की इमारत गिरने की उड़ी अफवाह, श्रद्धालु ने वीडियो शेयर कर बताई सच्चाई
punjabkesari.in Saturday, Jul 15, 2023 - 01:48 PM (IST)
हिमाचल प्रदेश में मची तबाही के बाद कुल्लू और मनाली से लगभग 25,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, लेकिन सैकड़ों लोग अभी भी फंसे हुए हैं।भूस्खलन और बाढ़ के कारण 1,100 से अधिक सड़कें अभी भी बंद हैं, मोबाइल ‘कनेक्टिविटी' बंद होने के चलते लोगों को ज्यादा परेशानी आ रही है। लापता व्यक्तियों की तलाश में सोशल मीडिया पर भी कई संदेश साझा किए गए हैं, इसी बीच अफवाहों का दौर भी जारी है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बाढ़ की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं, इसी बीच कुछ खबरें ऐसी भी सामने आ रही है जो सच नहीं है। हाल ही में ऐसी खबरें सामने आई थी कि गुरुद्वारा श्री मणिकरण साहिब को भारी नुकसान हुआ है। दावा किया जा रहा है कि गुरुद्वारे की बिल्डिंग गिर गई है, हालांकि यह सही खबर नही है।
Water has entered the premises of Gurdwara Manikaran Sahib in #Manali #Kasol. Rain fury in #HimachalPradesh #GurdwaraManikaranSahib pic.twitter.com/Xe2t6H09a2
— Chandan Sadhu (@chandansadhu) July 9, 2023
बता दें कि गुरुद्वारा और शिव मंदिर को जोड़ने वाला पुल पार्वती नदी के बढ़े हुए जलस्तर से टूट गया है, इसके बावजूद और कोई नुकसान नहीं हुआ है। 8 जुलाई से गुरुद्वारे में रह रहे एक यात्री ने वीडियो जारी कर पूरी सच्चाई बताई है। उनका कहना है कि पुरानी वीडियो चलाकर लोगों काे गुमराह किया जा रहा है। वीडियो में शख्स कह रहा है कि वह और उसके साथी गुरुद्वारे में ही रह रहे हैं और यहां सभी लोग सुरक्षित है।
हालांकि उन्होंने वीडियो में दिखाया है कि पुल को नुकसान जरूर हुआ है, जिसकी मुरम्मत की जा रही है। शख्स ने बताया है कि अभी भी गुरुद्वारे में 150 लोग मौजूद हैं, रास्ता साफ होने के बाद वह यहां से अपने घर के लिए निकलेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के आठ शहरों - मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, पच्छाद, हमीरपुर और केलोंग में जुलाई में एक दिन की बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं।
भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कुल्लू और लाहौल के कई हिस्सों में सड़कें या तो पानी में बह गईं या मलबे की वजह से बाधित हो गई थीं, इसके कारण भारी संख्या में पर्यटक फंस गए थे। फंसे हुए लोगों को होटलों, विश्रामघरों, होम स्टे और अन्य स्थानों पर ठहराया गया है। कई होटल और पर्यटन इकाइयों ने फंसे हुए पर्यटकों को मुफ्त में रहने और खाने की पेशकश की है और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अपने होटल के पते और संपर्क नंबर साझा किए हैं।