गोद लेने का अधिकार पति को ही क्यों,पत्नी को क्यों नहीं?

punjabkesari.in Friday, Feb 17, 2017 - 10:56 AM (IST)

पेरेंटिगः एक बच्चे को गोद तो मां ही लेती है- यह बात सुनने में स्वभाविक सी लगती है लेकिन अगर एक मां अपने बच्चे को गोद लेने चाहें वो भी अपनी इच्छा से तो इसका फैसला लेने का अधिकार हमारे संविधान में नही है। इसके लिए उसे अपने पति पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

- पति-पत्नी का आपसी सहमति जरूरी
भारतीय संविधान के हिंदू एडाप्शन एक्ट के तहत अगर कोई पति-पत्नी बच्चा गोद लेना चाहता है तो यह निर्णय पति ही ले सकता है। इसमें पत्नी सिर्फ अपनी राय ही दे सकती है। 

- रीति-रिवाजों की मान्यता
भारतीय संविधान में इस मामले को लेकर रीति रिवाजों को भी मान्यता दी गई है। इस कारण भी गोद लेने के इस नियम में अपवाद चल रहा है। 

- अलग-अलग धर्मों के लिए अलग नियम
बच्चा गोद लेने का अधिकार हमारे कानून में हर धर्म के लिए अलग-अलग है। हिंदू लॉ के मुताबिक उनका गोद लिए हुए बच्चे को पिता की संपत्ति में हिस्सा भी मिलेगा। गैर हिंदू दंपत्ति का बच्चा गोद लेने पर बच्चे को संपत्ति से वंचित रखा जाएगा। इसके अलावा इससे जुडे और भी हैरान करने वाले तथ्य हैं। जिनके बारे में शायद हर कोई नहीं जानता। 

- मां के ऊपर पालने का अधिकार 
वैसे तो गोद लेने की सहमति मां और बाप दोनों की होती है लेकिन बच्चा पालने की बात आती है तो गोद लेने से पहले मां के लिए हर पहलू को जाचना बहुत जरूरी है। 

- गोद लिए बच्चे से न छुपाएं वजह
गोद लिए बच्चे की उम्र कम है तो सही वक्त आने पर उसे अपनाने की वजह जरूर बताएं। मां को यह सच सही समय आने पर बच्चे को बताना चाहिए। 

- गौरव की बात है बच्चा गोद लेना
बच्चा गोद लिया है तो इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। इसके तथ्यों को छुपाने की कोशिश न करें। इसके लिए हो सकता है कि समाज आपके बारे में कुछ गलत सोचे लेकिन इसकी परवाह न करें। बच्चा गोद लेना गौरव की बात है 

- प्यार-दुलार से जीतें बच्चे का दिल 
छोटी उम्र का बच्चा गोद लिया है तो उसे प्यार और किस्से-कहानियों से इस बात को जाहिर करें कि आप उससे कितना प्यार करते हैं। उसे बातों-बातों में समझाएं कि वह आपके लिए कितना खास है। 

 

                                                                                                               - डॉ.विभा सिंह

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