लॉकडाउन में Anxiety की शिकार हुई ऋचा, मेडिटेशन है हल
punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 10:42 AM (IST)
लॉकडाउन व क्वारंटाइन के चलते लोग अपने-अपने घरों में बंद है, ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। मगर, इसकी वजह से लोगों में तनाव, डिप्रेशन एंग्जाइटी (Anxiety) जैसी परेशानियां देखने को मिल रही है। जी हां, घर पर बैठे रहने से लोगों में उदासी व नींद की कमी जैसी परेशानियां आ रही हैं।
वहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा भी घर बैठे-बैठे एंग्जाइटी की शिकार हो गई है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'कई लोगों की तरह वो भी लॉकडाउन के पहले हफ्ते में एंग्जाइटी के साथ उठी। उठते ही कोरोना वायरस के कारण बढ़ रही मौतों की सुनी, जिससे मन बहुत उदास हुआ। गिरती अर्थव्यवस्था के बारे में सोचकर भी काफी परेशानी हुई। इन सब के बारे में सोच-सोच कर मैं एंग्जाइटी की शिकार हो गई।'
मेडिटेशन है हल
साथ ही उन्होंने लिखा कि इससे बचने के लिए मैंने रोजाना ध्यान लगाना शुरू किया। साथ तनाव को कम करने के लिए वो हंसी-मजाक की चीजें देखने लगी।
मिलिंद सोमन ने भी बताया मेडिटेशन को हल
वहीं फिटनेस फ्रिक मिलिंद सोमन ने भी कुछ दिनों पहले इंस्टाग्राम पर मेंटल हेल्थ से लड़ने के लिए मेडिटेशन का सहारा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए रोजाना कम से कम 10 मिनट मेडिटेशन करें। इससे तनाव, एंग्जाइटी से राहत मिलेगी और दिल स्वस्थ रहेगा।
बता दें कि भारत में 15.20 % लोग एंग्जाइटी और 15.17 % लोग डिप्रेशन के शिकार हैं, जिसमें ज्यादातर संख्या महिलाओं की है। मगर, लॉकडाउन की वजह से इस संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
एंग्जाइटी के लक्षण
. बेचैनी महसूस होना
. किसी के होने का एहसास होना
. बहुत अधिक चिंता होना
. अधिक थकान महसूस होना।
. चिड़चिड़ापन होना।
. लोगों से मिलने में प्रॉब्लम होना।
. सोने में समस्या होना।
. एकाग्रता को लेकर कठिनाई होना।
मेडिटेशन के अलावा ये करें...
. आप आर्ट-क्राफ्ट और म्यूजिक के जरिए भी खुद को तनाव से बचा सकते हैं।
. एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे गार्निंग, कुकिंग, पेटिंग, वॉकिंग, स्वीमिंग आदि से भी दिमाग रिलैक्स होगा।
. लॉकडाउन के इस समय में अपने पसंद के रेडियो स्टेशन को सुनें।
. वीडियो गेम खेलें या अपनी म्यूजिक ऐप पर प्लेलिस्ट बनाएं, जिसे पूरा परिवार साथ मिलकर गा सकें। इससे पूरे परिवार के मूड को फ्रेश और रिलैक्स करने में मदद मिलेगी।
. कम से कम सोचें और कभी भी अकेले न रहें। साथ ही नेगेटिव खबरों व लोगों से दूरी बनाकर रखें।
. भरपूर नींद लें क्योंकि आधी-अधूरी नींद भी इस बीमारी का कारण बन सकता है। साथ ही ज्यादा सोने से भी बचें।
. ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और वसा को डाइट का हिस्सा बनाएं। भोजन नियमित समय पर करें और अनहैल्दी फूड्स से परहेज रखें।