Parents Alert ! बच्चे के चिड़चिड़े होने के पीछे हो सकती है यह बीमारी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2019 - 09:46 AM (IST)

हम एक ऐसे समाज में रह रहें हैं जहां बच्चों से काफी ज्यादा अपेक्षाएं रखी जाती हैं। ऐसे में बच्चों का परेशान और बेचैन होना आम बात है। चाहे बात परीक्षा की हो , या स्टेज परर्फारमेंस या फिर किसी खेल मुकाबले की बात। जो बात बच्चे की समझ और पकड़ से बाहर हो जाती है, उस वक्त बच्चा बेचैन और असहज महसूस करता है। चलिए आज बात करते हैं बच्चों की स्वभाव से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में जो उन्हें बहुत जल्द डरा देती है।

हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक

पिछले कुछ वर्षों से बच्चों में बड़ रही प्रॉब्लमस को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं द्वारा बच्चों की इस एंगजाइटी के पीछे छिपे कारणों की वजह जानने की कोशिश जारी है। जर्नल ग्रुप ऑफ पोस्ट ग्रैजुएट मैडीसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मुंबई के 11 प्रतिशत स्कूली बच्चे एंग्जाइटी का शिकार हैं। कोलकाता में करवाए गए एक अध्ययन में पता चला है कि यह स्तर आठवीं से लेकर 12 कक्षा के विद्दार्थियों में ज्यादा देखने को मिल रहा है।

चिंता का विषय

एंगजाइटी डिसॉर्डर का संबंध मानसिक परेशानियों से जुड़ा होता है। जब आपका बच्चा इस बीमारी की चपेट में आ जाता है तो उसे पेट में दर्द, बुखार और हमेशा थकावट महसूस होती है। इसी के साथ आपका बच्चा खुद को लोगों से दुर रखने में खुशी महसूस करने लगता है।

जरुरी है वक्त पर उपचार

अगर आप भी अपने बच्चे में इसी तरह के कुछ लक्ष्ण नोटिस करते हैं तो तुरंत उसे डॉक्टर के पास लेजाएं। उससे बात करें, उसकी पूरी बात सुने। मगर खासतौर पर बच्चे को इस वक्त डॉक्टर की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। यदि समय रहते उनकी यह समस्या दूर न की जाए तो उन्हें उनका विकास स्तर काफी हद तक गिर जाता है। जिस वजह से उन्हें पढ़ाई-लिखाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 


 

Content Writer

Harpreet