मोटापे की चपेट में बचपन, 5 साल से कम उम्र के बच्चों का तेजी से बढ़ रहा वजन

punjabkesari.in Sunday, Nov 28, 2021 - 05:26 PM (IST)

यह हम सभी जानते हैं कि मोटापा कई बीमारियों को न्योता देता है। इस परेशान को बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी झेल रहे हैं।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए भोजन को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा  शारीरिक गतिविधियां ना करना भी मुख्य वजह है। ऐसे मे मां बाप बच्चों के जरूरत से ज्यादा बढ़ते वजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

इन बीमारियों का मंडराया खतरा

-दिल की बीमारी
-स्ट्रोक
-टाइप 2 डायबिटीज
-अस्थमा
-स्लीप एपनिया
-हेपेटिक स्टेएटोसिस 


महिलाओं और पुरुषों में भी बढ़ रहा मोटापा 

रिपोर्ट के अनुसार केवल बच्चे नहीं बल्कि महिलाओं और पुरुषों में भी मोटापा बढ़ा है। मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है जबकि पुरुषों में यह संख्या 18.9 प्रतिशत से बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गयी है। सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और लद्दाख समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल तक की उम्र के बच्चों में मोटापे में वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि 2015 और 2016 के बीच किए गए एनएफएचएस-4 में यह संख्या कम थी। 


इन बातों का रखें ख्याल 

-बच्चे के साथ योगा और व्यायाम करें 
-सप्ताह में दो बार कराएं एक्सरसाइज
-जंक फूड को करें ना
-हेल्दी खाने की डालें आदतें
-बच्चों को बाहर खेलने के लिए करें प्रोत्साहित 


इन शहरों को कुछ राहत

केवल गोवा, तमिलनाडु, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में पांच साल तक के बच्चों में मोटापे में कमी दर्ज की गयी है। आंकड़ों के अनुसार, 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं में मोटापा बढ़ा है जबकि 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि उन पुरुषों तथा महिलाओं को मोटा माना जाता है जिनका ‘‘बॉडी मास इंडेक्स'' 25.0 किलोग्राम/एम2 से अधिक या उसके समान पाया जाता है जबकि बच्चों में मोटापा लंबाई के अनुपात में वजन के आधार पर मापा जाता है। स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए अस्वास्थ्यकर भोजन और कम शारीरिक गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है। 

Content Writer

vasudha