''कृप्या ध्यान रखें, हमारे बीच कुछ राक्षस भी हैं'', रेमडेसिवीर की कालाबजारी पर फूटा आर. माधवन का गुस्सा

punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 01:16 PM (IST)

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने कोहराम मचाया हुआ है। वायरस ने लोगों को इतना लाचार बना दिया है कि अब वे सोशल मीडिया के जरिए अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं। मगर इस संकट के समय में कुछ लोग ऐसे हैं जो दवाईयों की कालाबजारी करने में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों पर एक्टर आर.माधवन का गूस्सा फूटा है। उन्होंने दवाईयों की कालाबजारी करने वालों को राक्षस तक कह दिया है।

एक्टर ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा, 'कृप्या ध्यान रखें। हमारे बीच कुछ ऐसे राक्षस भी हैं। फ्राॅड एलर्ट, लोग सोचते रहें। अजय अग्रवाल रेमडेसिवीर दवा 3 हजार में बेच रहे हैं। IMPS के जरिए आपसे पैसे एडवांस मांगेंगेताकि वह पैन इंडिया के जरिए 3 घंटे में दवाई आप तक डिलीवर हो जाए औप फिर यह बाद में फोन भी नहीं उठाएंगे। ऐसे जालसाजों से सावधान रहें। यह आदमी फ्राॅड है।' 

 

 

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच जहां लोग ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयों, आईसीयू बैड और रेमडेसिविर का इंजेक्शन पाने के लिए चिंतित है। वहीं कुछ लोग इस समय भी मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। महामारी में इन दिनों एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की डिमांड काफी बढ़ गई है। कई राज्यों में यह इंजैक्शन आसानी से नहीं मिल रहा है। मुनाफा खौर इसे 20 से 40 हजार की कीमत में बेच रहे है लेकिन  इस रेमडेसिविर इंजैक्शन के नाम पर लोगों को नकली इंजेक्शन भी दिए जा रहे हैं।

जानें असली और नकली में फर्क 

असली रेमडेसिविर के पैकेट पर अंग्रेजी में For use in लिखा है जबकि नकली वाले में for use in...नकली वाले में कैपिटल लेटर से शुरुआत नहीं हो रही है। असली पैकेट के पीछे चेतावनी लाल रंग में जबकि नकली पैकेट पर चेतावनी काले रंग में दी गई है। इंजैक्शन के नकली पैकेट पर स्पेलिंग में तमाम गलतियां हैं जिसको ध्यान से पढ़ने पर साफ दिख जाएगा। असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कांच की शीशी बहुत ही हल्की होती है।

Content Writer

Bhawna sharma