सर्दियों में बढ़ जाती है सोरायसिस की समस्या, 7 टिप्स से रखें बचाव

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 11:19 AM (IST)

सर्दी के मौसम ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। इस बदलते मौसम में की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें से सोरायसिस भी एक है। वहीं जो पहले ही इस समस्या से जूझ रहे हैं उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है। सोरायसिस एक ऐसा चर्म रोग है, जो सिर के बालों के पीछे, हाथ पैर, हथलियों या पीठ पर होता है। सोरायसिस को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स देंगे, जिससे आप अपनी त्वचा की देखभाल कर सकते हैं।

कैसे होता है सोरायसिस?

जिस तरह हमारे नाखून और बाल बढ़ते हैं, ठीक वैसे ही त्वचा बदलती है। आमतौर पर नई त्वचा महीनेभर में बदलती है लेकिन सोरायसिस प्रभावित हिस्से में त्वचा 3-4 दिन में ही तेजी से बदलती है और उभरी हुई महसूस होती है। सोरायसिस के दौरान त्वचा इतनी कमजोर और हल्की पड़ जाती है कि वो बनने से पहले ही खराब होने लगती है। इससे प्रभावित स्किन पर लाल चकते और रक्त की बूंदें दिखाई देने लगती है।

किन लोगों को होती है सोरायसिस की प्रॉब्लम ?

यह समस्या 100 में से केवल 1 या 2% लोगों को ही होती है, जिसके लिए आमतौर आनुवांशिक, जीन, इम्‍यून सिस्‍टम और हार्मोन परिवर्तन जिम्‍मेदार हैं लेकिन अलावा भी कुछ ऐसे कारक है, जो सोरायसिस का कारण बनते हैं जैसे-

. कान का दर्द, ब्रोंकाइटिस, गले में संक्रमण के कारण
. सोरायसिस ठंड और ड्राइनेस की स्थिति में बढ़ता है।
. शराब, सिगरेट और अन्य नशीलों चीजों का सेवन भी इसके खतरे को बढ़ाता है।
. तनाव भी सोरायसिस क कारण बन सकता है। वहीं अगर आप पहले से ही इसके मरीज है तो यह आपके लिए और भी खतरनाक हो सकता है।
. शरीर में पोषक तत्वों की कमी या घी-तेल का बिल्कुल सेवन न करना क्योंकि इससेस्किन को मॉइश्चराइज नहीं मिल पाता।
. बहुत ज्यादा तेज धूप में बाहर रहने वाले स्किन की केयर ना करना वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।

सोरायसिस के लक्षण

. छिल्केदार त्वचा उतरना
. स्किन पर लाल-लाल पपड़ियां जमना।
. कोहनी, घुटनों, कमर पर ड्राईनेस से शुरुआत।
. सर्दियों में स्किन ज्यादा ड्राई होना।
. त्वचा में सूजन, खुजली, जलन और लालीपन

अब जानते हैं कि सोरायसिस मरीज को अपनी स्किन का ख्याल कैसे रखना चाहिए...

क्या खाएं?

सबसे पहले बात करते हैं कि सोरायसिस में आपको क्या खाना चाहिए। डाइट में साबुत अनाज, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, अदरक, अजवाइन, दालें, करेले का जूस, बीज, नट्स, मछली और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन डी से भरपूर फूड्स लें।

इन चीजों से करें परहेज

अल्कोहल, सिगरेट, डेयरी प्रॉडक्ट्स, जंक फूड, ट्रांस फैट फूड्स, रेड मीट, ग्लूटेन से भरपूर आहार खाने से बचें। इसके अलावा साइट्रस फूड जैसे – संतरा, नींबू, आदि का सेवन भी सोरायसिस से ग्रस्त मरीजों को नहीं करना चाहिए।

गुनगुने पानी से करें स्नान

गुनगुने पानी में सेंधा नमक, मिनरल ऑयल, दूध व जैतून तेल मिक्स करके स्नान करें। इससे लालीपन, जलन और खुजली कम होगी।

मॉइश्चराइजर लगाएं

नहाने के बाद और सोने से पहले माइश्चराइजर जरूर अप्लाई करें। इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

भरपूर पानी पीएं

दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास जरूर पीएं। इससे स्किन में नमी बनी रहती है और वो हाइड्रेट रहती है।

हल्दी का पेस्ट

हल्दी को पानी में मिलाकर 5-10 मिनट गर्म करें। फिर हफ्ते में 2-3 बार सोने से पहले इस पेस्ट को प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाएंगे।

जैतून तेल से मालिश

1 कप जैतून के तेल में कुछ बूदें कंदुला और आर्गेनिक ऑयल की मिक्स करें। इसके बाद इसे सोरायसिस वाली जगहें पर लगाएं। हफ्ते में 2 बार इस तेल का इस्तेमाल सोरायसिस के लक्षणों को कम कर देंगा।

इन बातों का रखें खास-ख्याल

-डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी साबुन या कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स का यूज न करें। दूसरों का तौलिया, साबुन और कपड़े इस्तेमाल ना करें और ना ही अपनी चीजें किसी को दें।
-सोरायसिस से बचने के लिए सर्दी में अपनी बॉडी को अच्छे से ढक्कर रखें। ज्यादा ठंड से स्किन में खुजली व दर्द होगा।
-सर्दी में सोरायसिस के रोगियों को ऊनी कपड़ों के नीचे कॉटन के पतले कपड़े पहनने चाहिए
-पर्याप्त मात्रा में धूप ना मिलने से स्किन ड्राई हो सकती है इसलिए सुबह की धूप में समय बिताएं।
-तनाव रहित रहें और थ्रोट इंफैक्शन यानि गले के इंफैक्शन से बचाव करें क्योंकि यह सीधा सोरायसिस को प्रभावित कर रोग को बढ़ाता है। 
-त्वचा को अधिक शुष्क होने से भी बचाएं ताकि खुजली न हो।
-प्रभावित हिस्से पर खुजली न करें, इससे इंफैक्शन का खतरा रहता है।

Content Writer

Anjali Rajput