क्यों कहते हैं कि Pregnant Lady को ढक कर रखना चाहिए पेट, क्या है इन Myths की सच्चाई?

punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2021 - 06:23 PM (IST)

बेबी बंप छिपाने का नहीं दिखाने का ट्रेंड हैं जिसकी शुरूआत बॉलीवुड की हसीनाओं से हुई जिन्होंने बेझिझ होकर अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट किया। अब आप करीना को ही देख लीजिए जो आए दिन बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नजर आती है। हालांकि, इस चक्कर में मोहतरमा ट्रोल भी खूब होती है। 

दरअसल, हमारे समाज में गर्भवती महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी की बात पहले 3 महीने तक छिपाकर और पेट ढक कर रखने की सलाह दी जाती हैं। मानना हैं कि अगर गर्भवती महिला का पेट किसी बाहरी इंसान ने देख लिया तो उसे नज़र लग सकती है। जो सिर्फ महज एक मिथ है जिनपर आंख बंद करके विश्वास करना गलत होगा। 

ऐसे ही कुछ और मिथ है जिनकी सच्चाई जानना आपके लिए भी जरूरी है...

मिथक- बेली यानी पेट के शेप और साइज से पता चल सकता है कि होने वाला बच्‍चा लड़का है या लड़की। माना जाता है कि अगर बेबी बंप नीचे की ओर झुका हुआ है तो लड़का होगा और अगर ऊपर की ओर उठा हुआ है तो इसका मतलब है कि लड़की होने वाली है। 

सच्चाई- ये झूठ है क्योंकि पेट की शेप आपके वास्तविक आकार, पेट की चर्बी और यूट्रेस के अंदर बेबी की पोजिशन पर निर्भर करता है।

मिथक- प्रेग्नेंसी में अगर आपके चेहरे पर ग्लो है तो लड़की होने वाली है और अगर ग्‍लो नहीं है तो लड़का होगा। 

सच्चाई- यह झूठ है क्योंकि प्रेग्नेंट महिला का चेहरा दूसरे ट्राइमेस्‍टर के आते-आते ग्‍लो करने लगता है क्योंकि दूसरे ट्राइमेस्‍टर में मॉर्निंग सिकनेस खत्‍म सी हो जाती है। मां पहले से ज्यादा खाने-पीने लगती है जिससे ब्‍लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है और ग्लो बढ़ता है। 

मिथक- अगर प्रेग्नेंट महिला के सीने में जलन हो तो होने वाले बच्चे के ढेर सारे बाल होते हैं।

सच्चाई- सीने में जलन तब होती हैं जब पेट का खाना और एसिड फूड पाइप की ओर आने लगते हैं जिसे सीने में जलन करते है। 

मिथक- प्रेग्‍नेंट महिलाओं को कॉफी नहीं पीनी चाहिए। 

सच्चाई- अगर कॉफी कम मात्रा में पी जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा इसलिए दिन में तीन कप से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि इससे ज्यादा कॉफी बच्चे के वजन को घटा सकती है। 

मिथक- प्रेग्नेंसी में केसर और संतरा खाने से गर्भ में पल रहा बच्चा गोरा होता है। 

सच्चाई- बच्चे का रंग फल या सब्जी पर नहीं बल्कि आनुवांशिक गुणों पर निर्भर करता है। 

मिथक- घी या मक्खन खाने से डिलिवरी आसानी से होती है। मानना है कि घी खाने से गर्भाशय सिकुड़ता है। 

सच्चाई- नॉर्मल डिलीवरी में घी या मक्खन का कोई रोल नहीं है, ये तो बच्चे के आकार, साइज और पेल्विस के आकार पर निर्भर करता है।

तो ये थे प्रेग्नेंसी से जुड़े मिथक जिनपर आंख मूंद कर भरोस कर लिया जाता है जबकि इनमें किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है।

Content Writer

Sunita Rajput