वो महिलाएं जिन्होंने अपने काम से पुरूषों को पछाड़ा, आज दुनिया भी करती है इन्हें सलाम

punjabkesari.in Friday, Mar 05, 2021 - 12:42 PM (IST)

एक समय था जब महिलाओं को घर की चार दीवारी में रहने को ही कहा जाता था। वह अपने विकास के लिए और भविष्य के लिए समाज में आवाज तक नहीं उठा पाती थी। पुरूष प्रधान समाज में उसके पास खुद को साबित करने का भी कोई तरीका नहीं होता था। लेकिन आज महिलाओं ने अपनी सफलता और प्रतिभा से न सिर्फ समाज को बल्कि पुरूषों को भी पछाड़ दिया है। आज हम आपको कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताएंगे जिनके काम को दुनिया भी सलाम करती है। 

पॉवरफुल वुमेन की टॉप महिला एंजेला मर्केल

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फोर्ब्स पॉवरफुल वुमेन लिस्ट में लगातार 10 वें साल भी जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल टॉप पर रही। महिला सशक्तिकरण की मिसाल एंजेला मर्केल को इसीलिए तो आयरन लेडी भी कहा जाता है। पॉवरफुल महिला का खिताब पाने वाली मर्केल यूरोप की प्रमुख नेता हैं और कोरोना काल में जर्मनी को वित्तीय संकट से उबारकर क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व भी कर रही हैं। मर्केल शुरु से ही बेरोजगारी, मजबूत आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देशों से अच्छे संबंध जैसे मुद्दे को उठाती रही हैं।

दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री सना मरीन

फिनलैंड की पीएम सना मरीन ने दुनिया की सबसे युवा 'प्रधान मंत्री' बनने का रिकार्ड अपने नाम किया। फिनलैंड की सोशल डेमोक्रेट पार्टी  ने पूर्व परिवहन मंत्री रह चुकी सना को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना। सना फिनलैंड की तीसरी महिला हैं जो पीएम बनने जा रही हैं। फोर्ब्स पॉवरफुल 100 वुमेन लिस्ट में वह 85 वें स्थान पर हैं।

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फिनलैंड में जन्मी सना मरीन ने 2012 में प्रशासनिक विज्ञान में टैम्पियर विश्वविद्यालय से स्नातक किया। इसी साल में उन्हें टैम्पियर की नगर परिषद के लिए चुना गया। वह समलैंगिक पेरेंट्स की संतान हैं हालांकि वह बहुत छोटी थी जब पेरेंट्स अलग हो गए। मां ने सिंगल मदर बनकर उनका पालनपोषण किया। 15 साल की उम्र में उन्होंने पहली नौकरी की। हाई स्कूल में मैगजीन बांटी, दुकानों पर कैशियर का काम भी किया। वर्ष 2013 से 2017 तक सिटी काउंसिल की चेयरपर्सन भी रहीं। वह 2015 में पहली बार संसद सदस्य बनीं। जून 2019 में वह सरकार में शामिल हुईं और उन्हें परिवहन और संचार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया

कोरोना काल में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न का शानदार काम

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न्यूजीलैंड को कोरोना वायरस से पूरी तरह मुक्त करने के लिए जेसिंडा की दुनियाभर में खूब प्रशंसा हुई थी।  जेसिंडा ने न्यूजीलैंड में 25 मार्च को लॉकडाउन लगा था साथ ही कड़े नियम लागू कर दिए गए जिसके तहत न्यूजीलैंड में विदेशियों को आने की इजाजत नहीं दी गई है ताकि कोरोना को फैलने से रोका जाए इसमें वह सफल भी हुई। महिला के नेतृत्व में न्यूजीलैंड कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया।

जेसिंडा अर्डर्न, महज 17 साल की उम्र में ही अर्डर्न लेबर पार्टी में शामिल हो गई थी और वह संसद में सबसे कम उम्र की सांसद बनी। फोर्ब्स की पॉवरफुल वुमेन लिस्ट में वह 32वें स्थान पर हैं।


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Content Writer

Vandana

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