गर्भवती महिलाओं के लिए जहर है प्रदूषित हवा, इन देसी नुस्खों से करें गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा
punjabkesari.in Thursday, Oct 17, 2024 - 11:30 AM (IST)
नारी डेस्क: एयर पॉल्यूशन यानी वायु प्रदूषण गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे समय से पहले जन्म, कम जन्म वजन, और सांस से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। नानी के कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप प्रदूषित हवा के प्रभाव से खुद को और अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकती हैं।
वायु प्रदूषण से बचाव के लिए घरेलू उपाय
तुलसी और नीम का उपयोग: तुलसी और नीम प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने में मदद करते हैं। रोज़ सुबह 2-3 तुलसी की पत्तियों का सेवन करें, इससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी और श्वसन तंत्र बेहतर काम करेगा। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उसका भाप लेने से श्वसन तंत्र की सफाई होती है और प्रदूषण से बचाव में मदद मिलती है।
गुड़ का सेवन: गुड़ को प्रदूषण से बचने के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। दिन में एक बार गुड़ का सेवन करें, इसे चाय या गर्म पानी के साथ भी ले सकती हैं। गुड़ पाचन में भी सुधार करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
गर्म पानी और शहद: सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से शरीर में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। यह श्वसन तंत्र को साफ रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होता है।
मुलेठी का सेवन: मुलेठी गले और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है। आप मुलेठी का काढ़ा बना सकती हैं या चाय में मुलेठी मिलाकर पी सकती हैं। इससे गले की सूजन और वायु प्रदूषण से होनी वाली समस्याओं से बचाव होता है।
हल्दी वाला दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है और शरीर के अंदर की सूजन कम होती है।
घर में गुग्गुल या कपूर जलाएं: गुग्गुल और कपूर जलाने से घर के अंदर की हवा शुद्ध होती है। इसका धुआं बैक्टीरिया और विषाक्त तत्वों को नष्ट करने में मदद करता है। दिन में एक बार घर के सभी कमरों में गुग्गुल या कपूर जलाएं ताकि घर की हवा शुद्ध हो सके और आप साफ-सुथरी हवा में सांस ले सकें।
पानी में अदरक और तुलसी उबालें: अदरक और तुलसी को पानी में उबालकर इसका भाप लें। इससे आपके श्वसन तंत्र की सफाई होगी और यह शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करेगा।
हर्बल चाय: तुलसी, अदरक, और काली मिर्च जैसी जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल चाय पीने से श्वसन संबंधी समस्याओं से बचाव होता है और यह आपको प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाती है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती है।
अन्य सावधानियां और उपाय
- प्रदूषण अधिक होने पर, खासकर जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब हो, तो बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो N95 मास्क पहनें।
- घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। इससे घर के अंदर की हवा साफ रहेगी और आप सुरक्षित रहेंगी।
- आयुर्वेद में नस्य क्रिया (नासिका तेल) का प्रयोग श्वसन तंत्र की सुरक्षा के लिए किया जाता है। नस्य के तहत, सुबह-सुबह नाक में कुछ बूंदें देसी घी या तिल के तेल की डालें। इससे श्वसन तंत्र को सुरक्षा मिलती है और प्रदूषण के कण नाक के भीतर नहीं जाते।
- विटामिन C और E के सेवन से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट मिलता है, जो प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है। आंवला, नींबू, संतरा, बादाम, और बीज जैसे खाद्य पदार्थ इनमें प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
प्रदूषण के इस समय में गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। नानी के इन नुस्खों से न केवल आपको प्रदूषण से बचाव मिलेगा, बल्कि आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत होगी और आप स्वस्थ रहेंगी।