लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार पाकर भावुक हुए पीएम, बाेले- राखी पर दीदी की कमी महसूस होगी
punjabkesari.in Monday, Apr 25, 2022 - 11:24 AM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार प्राप्त किया। इस मौके पर उन्होंने मशहूर गायिका को एक ऐसे कलाकार के रूप में याद किया, जो राष्ट्र-निर्माण का एक अभिन्न हिस्सा रहीं। मशहूर गायिका का इस साल फरवरी में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।
देश के लिए मंगेशकर परिवार के योगदान को भी अमृत महोत्सव में हम जन-जन तक लेकर जाएं, ये हमारा कर्तव्य है। pic.twitter.com/vI2qPCIzwb
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2022
लता जी ने कई पीढ़ियों को करुणा की भाषा सिखाई: पीएम मोदी
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद मोदी ने कहा, 'स्वरकोकिला होने के साथ ही लता दीदी मेरी बड़ी बहन की तरह थीं। उन्होंने कई पीढ़ियों को प्रेम और करुणा की भाषा सिखाई। मैं खुद को भाग्यशाली महसूस करता हूं कि उन्होंने मुझे बड़ी बहन की तरह प्यार दिया। कई दशक बाद आने वाला रक्षाबंधन का त्योहार उनके बिना होगा।'
लता जी ने भारत को गौरवान्वित किया: पीएम मोदी
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लता मंगेशकर ने 80 वर्षों से अधिक समय तक अपनी आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। ग्रामोफोन, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव और डिजिटल संगीत से लेकर ऐप के युग तक लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा। मोदी ने कहा, 'गीतों की दुनिया और इसकी यात्रा लता दीदी की यात्रा के साथ चली, जिन्होंने कलाकारों की पांच पीढ़ियों को अपनी आवाज दी और भारत को गौरवान्वित किया। इस ग्रह पर उनकी यात्रा का अंत ऐसे समय में हुआ, जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।'
दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि पर मिला पुरस्कार
प्रधानमंत्री ने कहा- उन्होंने आजादी से पहले भी भारत को अपनी आवाज दी। देश की 75 वर्षों की यात्रा हमेशा उनके सुरों से सजी रही। हमारा पूरा राष्ट्र देश के वास्ते दिए गए योगदान के लिए मंगेशकर परिवार का आभारी है। गायिकी के अलावा लता मंगेशकर के भीतर राष्ट्र भक्ति का जज्बा रहा, जिसके पीछे उनके पिता का हाथ था।' मोदी ने रविवार को पुरस्कार प्राप्त किया, जब लता मंगेशकर के पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि है।
हर साल दिया जाएगा ये पुरस्कार
प्रधानमंत्री ने कहा कि -‘मैं आमतौर पर इस तरह के सम्मान समारोहों से खुद को दूर रखता हूं। मैं खुद को ऐसे कार्यक्रमों में समायोजित नहीं कर सकता। लेकिन जब कोई पुरस्कार लता मंगेशकर के नाम पर हो तो इसे स्वीकार करना मेरे लिए एक दायित्व बन जाता है। उन्होंने कहा कि लता दीदी हमेशा कहा करती थीं कि व्यक्ति अपने कर्मों से महान बनता है, न कि उम्र से। मुझे लगता है कि हम सभी उनके विचारों से सीख सकते हैं।’’पुरस्कार प्रदान करने वाले 'मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चेरिटेबल ट्रस्ट' के मुताबिक, लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार हर साल ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसने राष्ट्र, उसके लोगों और समाज के लिए 'अग्रणी, प्रभावशाली और अनुकरणीय' योगदान दिया है।