Health Alert! कैंसर को बढ़ावा दे रही है हमारी ही ये गलतियां, 2 अक्तूबर से लगेगा इन वस्तुओं पर बैन!

punjabkesari.in Thursday, Sep 26, 2019 - 09:17 AM (IST)

प्रदूषण, जो आज जीवन पर सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। इसे कंट्रोल करना सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि हमारी खुद की भी जिम्मेदारी बनती है। इस पॉल्यूशन की सबसे बड़ी समस्या प्लास्टिक है। यहीं प्लास्टिक, कैंसर, आंतों की सूजन जैसी कई खतरनाक बीमारियों को न्योता दे रही है। प्लास्टिक के टिफिन, बोतलें जो इस्तेमाल की जा रही हैं वो भी बीमारियों को न्योता दे रही हैं। सिर्फ हमारी सेहत ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी प्लास्टिक खतरा बना हुआ है क्योंकि जाने अनजाने में वह इसका सेवन करते हैं जिससे मछलियां व अन्य जानवर इसके शिकार हो रहे हैं।

इसलिए तो पीएम मोदी ने साल 2022 तक देश को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाने की योजना है, जिसकी शुरूआत भी उन्होंने कर दी हैं। वहीं सरकार, भारत को 'प्लास्टिक फ्री' बनाने के लिए 2 अक्तूबर से देशभर में प्लास्टिक से बने बैग, कप और स्ट्रॉ पर सरकार पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। जी हां, 2 अक्तूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती पर प्लास्टिक के कई प्रॉडक्ट्स पर बैन लग जाएगा।

क्यों खतरनाक है प्लास्टिक?

प्लास्टिक की बोतलों और कंटेनरों को बनाने के लिए बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक रासायनिक का इस्तेमाल होता है। इसका नियमित इस्तेमाल करने से इम्यूनिटी और हार्मोन लेवल प्रभावित होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं आजकल लोगों को खाना बनाने व खाना खाने में भी इन्हीं प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब इन बर्तनों में खाना गर्म होता है तो इससे निकलने वाले टॉक्सिंस इंसुलिन को बढ़ाकर फैट सेल्स को रिलीज करते हैं, जोकि कैंसर की संभावना बढ़ा देते हैं।

भारत में अधिक होता है पॉलीथिन का इस्तेमाल

पॉलीथिन बैग के प्रयोग में भारत अन्य देशों की तुलना में काफी आगे हैं। औसतन हर शख्स प्रत्येक साल 1Kg से ज्यादा पॉलीथिन बैग का प्रयोग कर रहा है, जिसे वह खुले में फेंक देता है। पॉलीथिन बैग सीवर में डाले जाने से उसमें पानी रुक जाता है। ऐसे में उसमें मच्छर पनपने लगते हैं, जिससे मलेरिया समेत कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं।

भारत में नहीं है प्लास्टिक मैनेजमेंट सिस्टम

भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट के मैनेजमेंट का कोई सिस्टम नहीं है, जिसके कारण प्रदूषण बढ़ता है जा रहा है। वहीं रोजमर्रा के कामों में यूज होने वाली प्लास्टिक की बोतलें, पॉलोथीन आदि सेहत को भी नुकसान पहुंचा रही है।

चलिए अब आपको बताते हैं कि 2 अक्तूबर से प्लास्टिक की किन-किन चीजों पर बैन लगने वाला है।

इन चीजों पर लगेगा बैन (Banned)
.200 ml से कम पीने के पानी की PET/PETE बोतलों पर बैन
.प्लास्टिक मिनरल वाटर पाउच
.प्लास्टिक बैग्स सब्जी और शॉपिंग दोनों
.थर्मोकोल व प्लास्टिक से बने डिस्पोजेबल सामान-गिलास स्ट्रो आदि
.खाद्य पदार्थों की पैकिंग में इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक बैग्स
. डैकोरेशन के लिए प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने सामान पर

हालांकि कुछेक तरह का सामान इस्तेमाल भी किए जा सकते हैं। जैसे-

. मछलियों व अन्य चीजों की पैकिंग के लिए थर्माकोल बॉक्स
. स्टेशनरी प्रॉडक्ट्स जैसे प्लास्टिक फाइल्स बैग्स का इस्तेमाल
. दवाइयों की पैकिंग के लिए इस्तेमाल
. घरेलू कामों की प्लास्टिक की वस्तुएं जैसे बाल्टी,डस्टबिन आदि
. मल्टीलेयर प्लास्टिक जैसे चिप्स पैकेट, शैंपू, आयल और चॉकलेट पैकेट आदि
. पेपर बेस्ड ज्यादा लेयर वाली प्लास्टिक

इनकी जगह पर क्या इस्तेमाल करें?

. आप प्लास्टिक के बर्तनों, बोतलों की बजाए कांच, स्टील के बने बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं। वहीं प्लास्टिक की थैली की जगह आप कपड़े व जूट के बैग, कागज के लिफाफों का यूज कर सकते हैं।
. प्लास्टिक की स्ट्रा की बजाए पेपर स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें। 
. प्लास्टिक की बोतलों की बजाए कांच, तांबे व स्टील की बोतलों का इस्तेमाल करें। 
. प्लास्टिक चम्मच की जगह लकड़ी की चम्मच का इस्तेमाल करें।
. प्लास्टिक के कपों में चाय व अन्य गर्म चीजें पीने की गलती ना करें। बल्कि चीनी मिट्टी के कपों का इस्तेमाल करें। 
. बता दें कि मिट्टी के बर्तनों में बनाया व खाया, खाना सबसे ज्यादा पौष्टिक माना जाता है। अगर आप मिट्टी के बर्तनों में खाना बना नहीं सकते तो मिट्टी व चीनी मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाकर खाएं।

याद रखें कि सेहत आपका सबसे बड़ा धन है इसके साथ किसी तरह की लापरवाही ना बरतें नहीं तो आपको इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। प्रदूषण को रोकने में अपना भी सहयोग दें।

Content Writer

Anjali Rajput