स्मॉग से बचना चाहते है तो घर में लगाएं ये पौधे

punjabkesari.in Monday, Nov 13, 2017 - 05:22 PM (IST)

दिल्ली व एनसीआर में स्मॉग ने लोगों का जीना दुष्वार कर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया से लेकर बाजार में कई तरह के उपकरणों व अन्य नुस्खों को अपनाने और उनके फायदे को लेकर दलीलें दी जा रही हैं। लेकिन, इन सबके मुकाबले हमारे आस-पास और अमूमन हरेक घरों में पाए जाने वाले पौधे घर के भीतर भी ऐसे वातावरण में स्वच्छ वायु के लिए प्रभावी हो सकते हैं। 

 

ऐसे पौधे और उनसे होने वाले फायदे पर रिपार्ट
जिस तरह से स्मॉग के कारण सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन व अन्य कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ रही हैं। ऐसे में बाजार में डेढ़ हजार रुपए से लेकर डेढ़ लाख तक की कीमत के एयर प्यूरीफायर व अन्य उपकरण बेचे जा रहे हैं। लेकिन, जानकारों का कहना है कि ऐसे वातावरण में भी शुद्ध वायु देने वाले कुछ पौधे ऐसे भी है जो हमारे लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बताया जाता है कि स्मॉग से पैदा होने वाली घुटन से यह पौधे हमे बचाए रखते है। 

- एरिका पॉम प्लांट


कहने को तो यह महज एक शोपीस प्लांट है, लेकिन यह स्मॉग के कारण उत्पन्न होने वाली दूषित हवा से घर को बचाता है, बल्कि घर के भीतर शुद्ध हवा का संचार भी करता है। इसे लिविंग रूम प्लांट भी कहा जाता है। इसकी खूबी है कि यह कार्बन व कार्बनमोनोऑक्साइड को सोखकर हवा को साफ कर देता है। अपने घर ऐसे चार पौधों को लगाएं, हर रोज इसकी पत्तियां साफ करें और तीन से चार माह में एक बार इसे धूप जरूर लगाएं। इस पौधे को स्नेक प्लांट, बेडरूम प्लांट के नाम से भी पहचाना जाता है। यह पौधा रात में भी कार्बनमोनोऑक्साइड को ऑक्सीजन में तब्दील करता है। 

- मनी प्लांट


यह पौधा घर-घर में पहचाना जाता है। हालांकि इसका संबंध मनी से है या नहीं, यह बात हम ठीक से नहीं कह सकते, लेकिन यह पौधा स्वास्थ्य की रक्षा में खासा सहायक है। मनी प्लांट हवा से केमिकल टॉक्सिन्स को साफ कर शुद्ध हवा को वातावरण में छोड़ता है।

स्मॉग से बाजार में बढ़े हवा शुद्ध करने वाले उपकरण
फिलहाल अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलीबाबा सहित कई अन्य ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर डेढ़ हजार रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की कीमत के घरेलू पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर(हवा शुद्ध करने वाला उपकरण) बिक रहा है। इनकी कीमत भी इस तरह रखी गई है कि इन्हें निम्न मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग दोनों खरीद सकते है। 

डॉक्टरों की सलाह 
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे वातारण में सबसे बेहतर है कि कपड़े वाले मास्क का प्रयोग करें। आईएमए अध्यक्ष डॉ.केके अग्रवाल का कहना है कि इस तरह के वातावरण में घुलने वाले कपड़े का मास्क अथवा अन्य महंगे उपकरण किसी काम के नहीं है। यदि जरूरी हो तभी बाहर निकलें, वह भी कपड़े वाला मास्क पहनकर ही घरों से बाहर निकलें।

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