महिलाओं के लिए Silent किलर है पेरिटोनियल कैंसर, जानें इसके बारे में चौंका देने वाली जानकारी

punjabkesari.in Sunday, Apr 04, 2021 - 05:11 PM (IST)

भारत में बहुत ही तेजी से कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखने को मिल रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नैशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्‍फार्मैटिक्‍स एंड रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कैंसर प्रभावित पुरुषों की संख्‍या 6.8 लाख जबकि महिलाओं की संख्‍या 7.1 लाख रहेगा। 2025 तक पुरुषों में कैंसर के 7.6 लाख मामले तथा महिलाओं में 8.1 लाख मामले हो सकते हैं। 

बता दें कि कैंसर 100 प्रकार के होते हैं जिनमें से ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर, ओरल कैंसर, कोलोरेक्टर कैंसर के आमतौर पर केस देखने को मिलते है। इन्‍हीं में से एक है पेरिटोनियल कैंसर। पेरिटोनियल कैंसर अन्य कैंसर के के मुताबिक, बहुत ही दुर्लभ है। इसके बारे में आपको केवल एक ऑन्कोलॉजिस्ट ही जानकारी दे सकता है। आईए जानते हैं इससे जुड़ी अहम जानकारी-

जानिए क्या है पेरिटोनियल कैंसर

अन्य कैंसर के मुताबिक पेरिटोनियल कैंसर बहुत ही कम देखने को मिलता है। यह एपिथील्यल सेल्‍स की परत में डेवल्प होता है जो कि पेट की भीतरी दीवार को ढकने वाली एक पतली परत है। इन लाइनिंग को 'पेरिटोनियम' कहा जाता है। इसीलिए इस कैंसर को पेरिटोनियल कैंसर कहा जाता है। 

यह लाइनिंग पेट के अंगों जैसे छोटी-बड़ी आंत, युरनिरी ब्लेडर, यूट्रेस और मलाशय की सुरक्षा करता है। पेरिटोनियम लाइनिंग एक चिकनाई द्रव जारी करती है, जो पेट के अंदर अंगों की मूवमेंंट में मदद करता है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस कैंसर के बारे में तभी पता लगाया जाता है जब पेशेंट की स्थिति गंभीर हो जाती है और मरीज पेरिटोनियल कैंसर के अंतिम चरण में होता है।

पेरिटोनियल कैंसर के लक्षण

पेरिटोनियल कैंसर के पहले चरण में कोई लक्षण सामने नहीं आता। इस बीमारी में लक्षण तब दिखाई देते हैं जब मरीज इस कैंसर के अंतिम चरण में होता है। देखिए इसके कुछ संभावित लक्षण-

-पेट में अकसर दर्द रहना

- पेट से खून बहना (Abdominal bleeding)

- पेल्विक (श्रोणि) पर दबाव महसूस होना

- ज्यादा खाए बिना पेट भरा रहना

- वजन में बदलाव होना 

- यूरिन में बदलाव 

- मल त्याग में परिवर्तन

- वैजाइनल डिस्‍चार्ज 

- खट्टी डकार

पेरिटोनियल कैंसर के क्या है कारक

पुरूषों के मुकाबले यह कैंसर ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलता है। इस कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है। आईए जानते हैं इसके कारकों के बारे में- 

- अकसर यह कैंसर मिडिल ऐज और ओल्ड ऐज में पाया जाता है।

- पूराने जींस की वजह से भी इस कैंसर के होने की संभावना है। यदि आपके परिवार में पेरिटोनियल या ओवरियन कैंसर का कोई मरीज है तो भी यह कैंसर दोबारा परिवार में किसी को होने की संभावना रहता है। 

- हेल्थी और लम्बे लोगों को भी पेरिटोनियल कैंसर का अधिक खतरा होता है।

पेरिटोनियल कैंसर का इलाज

अन्य कैंसरों के मुताबिक यह कैंसर बेहद दुर्लभ होता है इसलिए पहली स्टेज में पता लगाना मुशिकल होता है। इसमें व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना कम ही देखी गई है। समय पर इस बीमारी को पकड़ लेना ही इस कैंसर से बचा जा सकता है। इसके लिए, लोगों को समय-समय पर अपना रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिए।

 

अनु मल्होत्रा 

Content Writer

Bhawna sharma