महिला को दिमागी तौर पर भी बीमार कर देती हैं ये बीमारी, इससे पीछा छुड़ाने का एक ही तरीका!

punjabkesari.in Friday, Mar 11, 2022 - 05:20 PM (IST)

PCOD महिलाओं को होने वाला एक रोग जो इतना आम सुनने को मिल रहा है। बहुत सी महिलाओं आपको इस बीमारी से ग्रस्त मिलेगी। यह एक हार्मोनल रोग है जिसके गड़बड़ाने का बड़ा कारण बिगड़ता लाइफस्टाइल ही है। छोटी उम्र की लड़कियों को भी यह रोग हो रहा है। 20 से 30 साल की उम्र में ये समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।

दिमागी तौर पर कर देगा बीमार

यह एक ऐसा रोग है जिसके चलते आज के समय में हजारों महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही है। क्योंकि इस रोग का सीधा संबंध महिला की ओवरी से जुड़ा है और ओवरी अगर पीड़ित है तो गर्भवती होने में समस्याएं आना आम है।

. यह रोग महिला को शारीरिक औऱ मानसिक दोनों ही तरीकों से परेशान करता है।
. सबसे पहले महिलाओं को थकान और तनाव की समस्या होती है, उनके पीरियड्स अनियमित होते हैं।
. जब हॉर्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं तो दूसरी बीमारियां घेरने लगती हैं।

क्यों होती है पीसीओडी की बीमारी?

इस बीमारी की कोई एक मुख्य वजह तो अभी तक साफ नहीं हो पाई है लेकिन हां यह जरूर किल्यर है कि हमारे खान-पान की गड़बड़ी और लाइफस्टाइल में खराबी इस बीमारी की वजह है। एक्सपर्ट के मुताबिक, काम का स्ट्रेस, बढ़ता तनाव इस बीमारी के कारण बनते हैं। इसी के साथ देर रात तक जागना और फिर दिन में देर तक सोना आम बात हो गई है लेकिन ये चीजें हॉर्मोंन्स का सीक्रेशन बुरी तरह प्रभावित कर देती हैं। यहीं कारण है कि पीसीओडी के साथ मोटापा और डिप्रेशन भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

क्या होते हैं पीसीओडी के लक्षण?

. जरूरी नहीं है कि हर लड़की या महिला में पीसीओडी के लक्षण एक जैसे ही दिखें। किसी को चेहरे पर बाल आने की समस्या हो सकती है और किसी के शरीर के अन्य अंगों पर मोटे घने बाल आ सकते हैं।

. किसी को पीरियड्स के समय बहुत अधिक दर्द होना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या भी हो सकती है। ये दोनों समस्याएं एक साथ या इनमें से कोई एक भी हो सकती है।

. कुछ महिलाओं को पीरियड्स समय पर ना होने की भी समस्या हो सकती है। एक हफ्ते पहले या एक हफ्ते बाद पीरियड्स आना तो नॉर्मल है लेकिन अगर पीरियड्स हर बार 15 दिन व महीनों के गैप में आने शुरू हो गए हैं तो डाक्टरी जान जरूर करवा लें।

बीमारी को कैसे करें कंट्रोल?

अगर आप पीसीओडी से ग्रस्त हैं तो स्त्रीरोग विशेषज्ञ को जरूर चैक करवाएं। वह आपको कुछ दवाइयां देंगे और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देंगे जिस पर गौर करना सबसे ज्यादा जरूरी है। क्योंकि अगर लाइफस्टाइल सही नहीं होगा तो बीमारी भी नहीं जाएगी। डॉक्टर आपको फाइबर, विटामिन ई और ओमेगा -3 और -6 फैटी एसिड बढ़ाने के लिए भी कहेंगा।

-तनाव से दूर रहें।
-हैल्दी खाएं।
-वजन को कंट्रोल में रखें।
-विटामिन डी और कैल्शियम जैसे सप्लीमेंट्स भी लेते रहें।
-हल्की एक्सरसाइज करें
-पूरी नींद लें।

याद रखें कि ये लाइफस्टाइल डिजीज है। इसे सिर्फ लाइफस्टाइल बदलकर नियंत्रित किया जा सकता है

बचाव के लिए क्या करें?

इसके लिए हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई फैट और हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट से परहेज करें। शराब और स्मोकिंग से दूर रहें। जितना ज्यादा आप शारीरिक एक्टिविटीज करेंगे और वजन को नियंत्रित रखेंगी, उतना ही आप इस समस्या को नियंत्रित कर पाएंगी।

Content Writer

Vandana