पेरेंट्स के खिलाफ जाकर पायल ने शादी को छोड़ चुनी पढ़ाई, अब मिला 'चेंजमेकर अवॉर्ड'

punjabkesari.in Wednesday, Sep 25, 2019 - 02:47 PM (IST)

अमेरिका में मंगलवार को बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से भारत में स्वच्छ भारत अभियान चलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अवॉर्ड के साथ सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड समारोह भारत के लिए ओर भी खास उस समय बन गया जब यहां पर भारत की बेटी पायल जांगिड़ को भी ‘चेंजमेकर अवॉर्ड’ के साथ सम्मानित किया गया हैं। 

राजस्थान की रहने वाली 17 साल की पायल जांगिड़ को यह अवार्ड राजस्थान में बाल श्रम व बाल विवाह को रोकने के लिए शुरु किए गए अभियान के लिए दिया गया हैं। बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन ने ट्वीट करके बताया कि, ‘जांगिड़ को गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवॉर्ड्स में चेंजमेकर सम्‍मान मिला। यह पुरस्कार बाल श्रम और बाल विवाह को समाप्त करने के पायल के अभियान को मान्यता प्रदान करता है।’

ट्विटर पर बुधवार सुबह से ही #GlobalGoalkeeperAward काफी ट्रेंड कर रहा हैं। 

परिवार ने पढ़ाई छोड़ शादी का था बनाया दबाव

पायल राजस्थान के हिंसला गांव में रहती है। पायल के परिवार ने उसे अपनी पढ़ाई छोड़ कर शादी करने का दबाव बनाया था लेकिन पायल ने अपने परिवार के दवाब में ना आकर स्कूल जाने का फैसला लिया था। इसके बाद उनका यह फैसला सिर्फ उन तक ही सीमित नही रहा। इसके ही साथ उन्होंने अपने गांव में बाल मित्र ग्राम कार्यक्रम के तहत  ‘बाल परिषद्’ में बाल पंचायत प्रमुख के तौर पर भी काम किया है। 

कैलाश सत्यार्थी भी दे चुके है बधाई 

कैलाश अपना यह काम नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के तहत करती है। जिसके कारण कैलाश सत्यार्थी ने खुद अपने एक लेख में उनके प्रयासों के बारे में बात कर चुके हैं। पायल बाल श्रम, बाल विवाह, घूंघट प्रथा का विरोध करने में हमेशा सबसे आगे रही हैं। अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने कुछ फोट्स शेयर की हैं।

Sumedha ji and I are so proud & moved to watch our daughter Payal receiving Changemaker Award from Bill & Melinda Gates Foundation now in New York. She refused her marriage and her entire village was free from child marriages & labour. @gatesfoundation @BillGates @melindagates pic.twitter.com/zMc8KMUHf2

— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) September 25, 2019

इस तरह शुरु किया काम 

पायल ने अपनी शादी से इंकार कर दिया उसके बाद पूरा गांव बाल विवाह व बाल मजदूरी से मुक्त किया। इसके बाद वह बच्चों के अधिकार व शिक्षा के लिए ‘द वल्डर्स चिल्ड्रन प्राइज’ संस्था के लिए जूरी के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। अपने अभियान के तहत पायल घरों में जाकर लोगों को समझाती है बच्चों का स्कूल जाना क्यों जरुरी है। इतना ही नही उन्हें मार पीट कर नही बल्कि प्यार से समझाना चाहिए। वह अपनी इस मुहिम को देशभर में चलाना चाहती है। 
 

Content Writer

khushboo aggarwal