बच्चों को बनाना है Obedient तो पेरेंट्स बचपन से ही सिखाना शुरु कर दें ये Habits

punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2024 - 11:10 AM (IST)

माता-पिता और बच्चों का रिश्ता बहुत ही कोमल होता है। यदि दोनों एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत न करें तो रिश्ते में दरार भी आने लगती है। ऐसे में बच्चों को बचपन से ही कुछ ऐसी बातें सिखा देनी चाहिए जिससे वह भविष्य में जाकर समझदार बनें। यदि बचपन से ही बच्चों को अच्छी आदतें न सिखाई जाए तो वह बड़ों का आदर नहीं करते, झगड़ा करने लगते हैं और अपने से बड़ों की बात भी नहीं मानते। बच्चों की ऐसी आदतें देख पेरेंट्स भी परेशान हो जाते हैं ऐसे में आज आपकी परेशानी दूर करते हुए आज आपको कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो बच्चों को बचपन से ही सिखा देनी चाहिए। 

बच्चों की सुनें बात 

जब पेरेंट्स बच्चे की बात नहीं सुनते तो वह उनसे नाराज होने लगते हैं। ऐसे में आप बच्चे जब भी आपसे बात करें या आपको कुछ बताएं तो उनकी पूरी बात ध्यान से सुनें। उनकी ओर देखकर बात करें। इससे उन्हें लगेगा कि आप उनकी बात समझते हैं इससे वह भविष्य में अपनी बातें आपके साथ शेयर करने लगेंगे। 

मोटिवेट जरुर करें 

बच्चे जब भी आपकी बात मानकर कुछ अच्छी आदतें अपनाते हैं या फिर कुछ अच्छा करके दिखाते हैं तो आप उनकी तारीफ करें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

साफ बात करें 

बच्चों के साथ आप जब भी बात करें तो भाषा सिंपल ही रखें। उन्हें कई नामों से न बुलाएं। उनके साथ बात करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल भी न करें। यदि आप उनके साथ बदतमीजी से बात करेंगे तो वह भी ऐसे ही बात करने लगेंगे। इसलिए हमेशा उनके साथ अच्छे से ही बात करें। 

खुद बने रॉल मॉडल 

बच्चे हमेशा दूसरों के देखकर ही चीजें सीखते हैं। ऐसे में उनके सामने दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जिसकी आप उनसे उम्मीद रखते हैं। जैसे अगर आप चाहते हैं कि बच्चे में शेयरिंग की आदत आए तो आप उनके सामने खुद भी चीजें शेयर करें। 

हर बात में बच्चों को न टोकें 

बच्चे कोई भी गलती करते हैं तो उन्हें सबके सामने न टोकें। जब आप उन्हें सबके सामने टोकेंगे तो वह बेइज्जती महसूस करेंगे। ऐसे में बच्चों को समझाने के लिए हमेशा प्यार भरे शब्दों और उदाहरणों का इस्तेमाल ही करें। 

बच्चों के दे फैसले लेने की आजादी 

बच्चों को छोटी-छोटी चीजों को चूज करने की आजादी दें। यदि बच्चे जैसे उन्हें क्या खाना है? क्या पहनना है इस तरह के छोटे-छोटे निर्णय लेने की आजादी बच्चों को दें। ऐसे फैसले लेकर बच्चे खुद हर निर्णय लेना सिख जाएंगे।

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palak