बच्चा किताबों से भागता है दूर तो ऐसे डाले पढ़ने की आदत

punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 03:35 PM (IST)

आजकल ज्यादातर बच्चों का किताबों के प्रति रुझान कम होता जा रहा है। अब वे पढ़ाई भी इंटरनैट और गैजेट्स के जरिए कर रहे हैं। लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ाई करने के कारण उनकी आंखों पर भी असर पढ़ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर हुए कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि इलैक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स का उपयोग करने के कारण बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। स्क्रीन पर होने वाली पढ़ाई बच्चों के लिए अच्छी नहीं। यही नहीं पढ़ाई के इस नए माध्यम के कारण बच्चे किताबों से और दूर होते जा रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि पेरैंट्स बच्चों के मानसिक विकास के लिए उनमें कोर्स के अलावा दूसरी किताबें पढ़ने की आदत डालें।

बचपन से डालें आदत

बच्चों में किताबों से लगाव विकसित करने के लिए जरूरी है कि उनमें बचपन से पढ़ने की आदत डाली जाए। आप चाहें तो इसकी शुरुआत एक साल के बच्चे के साथ कर सकती हैं। एक साल का बच्चा भले किताबों को पढ़ नहीं सकता लेकिन तस्वीरों को देखर खुद को उससे कनेक्ट कर सकता है।

कोर्स के अलावा दें दूसरी किताबें

बच्चों के पास पढ़ाई करने के लिए कोर्स की किताबें होती ही हैं लेकिन उन्हें दूसरी किताबें भी पढ़ने के लिए देनी चाहिएं। कोर्स की किताबें पढ़ने से बच्चे को लगेगा कि उन्हें ये पढ़ना ही पड़ेगा लेकिन जब वे कोर्स से अलग किताबें पढ़ेंगे तो उनमें पढ़ने की आदत विकसित होगी। 
 
सोच समझकर खरीदे किताबें

बच्चों के लिए किताबें खरीदते समय कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें जैसे- किताब में तस्वीरें ज्यादा हों, उसके अक्षर बड़े और उभरे हों। साथ ही तस्वीरों के जरिए कहानी समझाई गई हो। दरअसल ऐसी किताबें पढ़ने में बच्चों को आसानी होगी और वे उन्हें बार-बार पढ़ना चाहेंगे।

बच्चों के साथ खुद पढ़े

बच्चे ज्यादातर चीजें अपने माता-पिता से ही सीखते हैं। पेरैंट्स उनके लिए रोल मॉडल होते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को किताब पढ़ाने से पहले आप खुद भी किताबें पढ़ें। अगर आप उनके सामने किताबें पढ़ेंगे तो बच्चे का मन भी पढ़ने के लिए प्रेरित होगा।

पढ़ने की जगह बनाएं

बच्चों के लिए घर में पढ़ने-लिखने की एक जगह जरूर  बनाएं। जहां कुर्सी-टेबल और कुछ किताबें रखी हों ताकि इस जगह पर बच्चे आराम से बैठकर पढ़ सकें।

News Editor

Shiwani Singh