Parents Alert! कविता कौशिक ने बचपन की जो आपबीती बताई उस पर मां-बाप का ध्यान देना बहुत जरूरी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 07:24 PM (IST)

बिग बॉस 14 का इम्यूनिटी स्टोन पाने का टास्क बेहद दिलचस्प रहा क्योंकि इस टास्क के लिए सबको अपना अपना एक सीक्रेट बताना था जो ज्यादा लोगों को पता ना हो रुबीना ने जहां अपने और अभिनव के टूटते रिश्ते का सच बताया वहीं एजाज खान और कविता कौशिश ने अपने साथ बचपन में हुए शोषण के बारे में सबको बताया कि कैसे बचपन में वह करीबी लोगों से ही बुरी तरह शोषित हुए जिसके बारे में वह अपने परिवार को बता भी नहीं पाए।

कविता कौशिक ने बताया कि कैसे बचपन में वह अपने एक बुजुर्ग मैथ्स टीचर से यौन उत्पीड़न का शिकार होने से बची। जब किसी काम के चलते कविता के माता-पिता घर पर नहीं थे तो उनके साथ मैथ्य टीचर ने गलत हरकतें करनी शुरू कर दी।

कविता ने कहा कि उस मैथ्य टीचर ने ना सिर्फ उनका शोषण किया बल्कि मानसिक रुप से प्रताड़ित करने की कोशिश भी जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की कि वह अपने माता-पिता को इस बारे में बताएगी तो उसने कहा कि कोई उसकी बात पर विश्वास नहीं करेगा। ऐसा हुआ भी पेरेंट्स को लगा कि शायद कविता मैथ्य ना पड़ने के लिए ऐसा कर रही हैं। हालांकि वो टीचर तो दोबारा नहीं आया लेकिन उस समय कविता के मन में एक डर बैठ गया वह हर बुजुर्ग में उसी मैथ्स टीचर की छवि देखती और ऐसे लोगों का आदर करने से कतराती थी। आगे वह मैथ्य में फेल होती गई उन्हें इस सबजेक्ट से ही नफरत सी हो गई।

इसी के साथ कविता के साथ होस्टल टाइम में हुई रेगिंग ने भी बुरी तरह टॉर्चर किया था उन्हें जिससे उन्होंने खुद को ही इतना कठोर बना लिया कि लोग उनसे डरें। 

यह दर्द सिर्फ एजाज और कविता का नहीं बल्कि बहुत से बच्चे इस दर्द को झेलते हैं लेकिन वह इतने सहम जाते हैं कि मां बाप से कुछ कह ही नहीं पाते क्या इसमें पेरेंट्स जिम्मेदार नहीं है।

पेरेंट्स का अपने बच्चे की बात पर यकीन ना करना या उसे अनदेखा करना सबसे बड़ी गलती हैं। इसी के साथ कुछ पेरेंट्स बच्चे को ही कसुरवार ठहरा देते हैं या डांटते चिल्लाते हैं ऐसा करने की गलती ना करें। बच्चे की बात को ध्यान से सुनें और उसकी जांच करें ताकि समय रहते इस डर और शोषण से बच्चे को बचाया जा सकें। 

वहीं बच्चा छोटा  या ना समझ हैं तो उसे अकेला ऐसे ना छोड़े। साथ ही उसे धीरे- धीरे गुड टच बैड टच के बारे में बताना शुरू करें। बच्चे को डराए ना बल्कि प्यार से पूछें।

अगर आप वर्किंग हैं तो बच्चे पीछे क्या कर रहा है कैसे रह रहा है उस बारे में पूरी जानकारी रखें। हो सके तो घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं ताकि आप पूरी निगरानी बरत सकें।

याद रखिए बच्चे के मन में एक बार बैठा डर निकालना बहुत मुश्किल होता हैं इसलिए पेरेंट्स का व्यवहार जितना दोस्ताना होगा बच्चा उतना ही कंफर्टेबल। तभी वह बिना डरे बेझिझक अपने साथ होने वाले किसी भी तरह के व्यवहार को आपके साथ सांझा कर सकते हैं। 

पेरेंटिंग से जुड़ा यह पैकेज आपको कैसा लगा हमें बताना ना भूलें। साथ ही अपने विचार व समस्याएं हमारे साथ सांझा करें हम उसका हल आपके साथ अवश्य शेयर करेंगे। 


 

Content Writer

Vandana