Coronavirus: पैंगोलिन या चमगादड़, कौन है कोरोना का जन्मदाता
punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 09:39 AM (IST)
दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस को रोकने के लिए ना सिर्फ वैक्सीन बनाने में जुटे बल्कि वो यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह वायरस आया कहां से। हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यह वायरस चमगादड़ से मनुष्य में आया है क्योंकि सार्स वायरस भी चमगादड़ में इंसानों से आया था।
कोरोना से जुड़ी संभावना
कायमेरा और कायमेर (Chimera) मिलकर तीसरा वायरस होता है। कायमेरा में दोनों प्राइमरी वायरस के गुण होते हैं लेकिन यह किसी एक से मैच नहीं करता है। यही बात Corona Virus पर भी लागू हो रही है। ऐसा हो सकता है कि 2 अलग-अलग वायरस, जिनसे मिलकर कोरोना डिवेलप हुआ, उन दोनों ने एक ही वक्त में किसी एक जीव को इंफेक्ट किया हो। फिर दोनों वायरसों ने कंबाइन करके एक नया वायरस बना लिया।
इन दो का मैच हो सकता है कोरोना
जब कोरोना फैला तब चमगादड़ों और पैंगोलिन्स में कई नए तरह के वायरसों की पहचान की गई थी। ऐसे में यह पाया गया कि नोवल कोरोना वायरस का जीनोम 96% कोरोना वायरस से मेल खाता है जो चमगादड़ों के अंदर पाया जाता है।
पैंगोलिन्स के जीनोम से 99% मिलता है कोरोना
वैज्ञानिकों का मानना है कि चमगादड़ कोरोना वायरस के रिजरवॉयर (reservoir) हो सकते हैं यानी यह वायरस चमगादड़ों में लंबे समय तक रह सकता है। मगर, कोरोना का जीनोम पैंगोलिन्स में पाए जाने वाले वायरस के जीनोम से 99% मेल खाता है।
ऐसे बना हो सकता है कोरोना वायरस
विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना चमगादड़ व पैंगोलिन्स दोनों में पाए जाने वाले वायरस से मिलकर तैयार हुआ तीसरा वायरस हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि दोनों में पाए जाने वाले वायरसों ने किसी अन्य जंतु को एक साथ संक्रमित किया हो, जिससे इसका तीसरा रूप विकसित हो गया हो। हालांकि अभी तक उस तीसरे जीव-जंतु की पहचान नहीं हो पाई है।
कोरोना वायरस अधिक खतरनाक
एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादातर रेस्पोरेट्री वायरस अपर या लोअर में से किसी एक एयरवेज को इंफेक्ट करते हैं लेकिन कोरोना अपर और लोअर दोनों एयरवेज को इंफेक्ट करता है। वहीं इस वायरस के लक्षण भी जल्दी दिखाई नहीं देते। यही कारण है कि इसका शुरूआती स्तर पहचानना मुश्किल हो जाता और अन्य लोगों में यह वायरस तेजी से फैलने लगता है।