Padmini Ekadashi में ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा , हर दुख- दुविधा से मिलेगा छुटकारा

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2023 - 05:44 PM (IST)

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत ज्यादा महत्व है। मान्यता है कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होती है। इस विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। हर महीने 2 बार एकादशी की तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। ऐसे करके साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। इस साल अधिक मास, जो अभी चल रहा है। अधिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। अधिकमास भगवान विष्णु को समर्पित है , इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इस व्रत को करने वाला हर प्रकार के दुखों से छूट जाता है। आइए आपको बताते हैं इस पावन दिन में कैसे करें पूजा और शुभ मुहर्त...

पद्मिनी एकादशी की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 29 जुलाई को दोपहर 01 :05 बजे तक होगा। ऐसे में पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा।

पद्मिनी एकादशी पर शुभ योग

इस साल पद्मिनी एकादशी पर दो बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग रहेंगे। 28 जुलाई को सुबह 11:56 बजे से 29 जुलाई की सुबह 09: 34 बजे तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके बाद 29 जुलाई को सुबह 09:34 बजे से 30 जुलाई को सुबह 06:33 बजे तक इंद्र योग रहेगा।

पद्मिनी एकादशी का पूजा विधि 

पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लें। दिनभर भगवान विष्णु और शिव जी की उपासना करें। रात में चार पहर की पूजा करें। पहले पहर में भगवान की पूजा नारियल से, दूसरे पहर में बेल से, तीसरे पहर में सीताफल से और चौथे पहर में नारंगी और सुपारी करें। फिर अगले दिन सुबह उठकर स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा के बाद निर्धनों को अन्न या वस्त्र का दान करें। 

सात्विक भोजन करें

एकादशी के पावन दिन में सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन मांस- मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
 

Content Editor

Charanjeet Kaur