PCOD है खराब स्वास्थ की शुरुआत, लक्षण पहचान करवाएं तुरंत इलाज

punjabkesari.in Saturday, Dec 22, 2018 - 02:56 PM (IST)

PCOD Kya Hai:महिलाओं को होने वाला रोग पीसीओडी यानि पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (PCOD) इन दिनों काफी कॉमन हो गया है। इस स्थिति में महिला की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने शुरू हो जाते हैं। पॉलीसिस्टिक शब्द का अर्थ है कई अल्सर जो द्रव से भरी थैली होती है। यह परेशानी महिला के हार्मोंन इम्बेलेंस होने की वजह से भी होती है। पीसीओडी की प्रॉब्लम 15 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में होती है

PCOD के लक्षण (PCOD Symptoms in Hindi)

अनियमित पीरियड्स 
पीरियड्स के दौरान रक्त का अधिक बहाव
अनचाहे और असामान्य बाल
बढ़ता वजन
मुंहासे
गंजापन

PCOD के कुछ दुष्प्रभाव (Side Effects of Pcod)

बांझपन

पीसीओडी का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव बांझपन है। यह ओव्यूलेशन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर गर्भावस्था में समस्या पैदा करता है।  ओव्यूलेशन वह प्रक्रिया है जिसमें ओवरी एग बनाती है और जब एग बनने में गड़बड़ी होने लगती है फिर इनफर्टिलिटी की समस्या होने लगती हैं। इनफर्टिलिटी के लिए आज PCOD सबसे बड़ा कारण है।

खराब मेटाबॉलिज्म

यह समस्या आपके मेटाबॉलिज्म स्तर को गिराना शुरू कर देती है। इस समस्या में महिलाएं मोटापे का शिकार होने लगती हैं और फिर मोटापा आगे चलकर कई क्रोनिक बीमारियों का भी कारण बनता है। यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रैशर को बढ़ाता है। 
साथ ही यह बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है जो आगे डायबिटीज, स्ट्रॉक और हार्ट डिसीज का कारण बनते हैं। मोटापा और पीसीओडी दोनों ही मेटाबॉलिज्म को कम करता है।

अनियमित पीरियड्स

इस प्रॉब्लम के बाद महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। हार्मोंन की गड़बड़ी मासिक धर्म के सर्कल को प्रभावित करते हैं। मासिक धर्म की अनियमितता आगे प्रेग्नेंसी में दिक्कत लाते हैं।

PCOD से कैसे निपटें? (Pcod Treatment in Hindi)

इस समस्या का समय रहते इलाज करवाना बहुत जरूरी है नहीं तो यह आगे चलकर महिला स्वास्थ से जुड़ी कई अन्य समस्याओं को जन्म देती है। अगर अभी इस समस्या की महज शुरूआत है तो आप सिंपल स्टैप्स की मदद से इसे दूर कर सकते हैं।

खान-पान में करें बदलाव

आपकी बेलेंस डाइट पीसीओडी की प्रॉब्लम दूर करने में मददगार हो सकती है क्योंकि यह हार्मोंन्स को नियंत्रित करती है। इसी से आपकी पीरियड प्रॉब्लम भी सही होगी।

अपनी डाइट में फल, सब्जियां, नट्स और दालें शामिल करें। विटामिन डी के लिए धूप जरूर सेंके। इसके लिए आप मशरूम फैटी फिश, अंडे का पीला भाग  आदि खाएं।

वजन पर कंट्रोल

अपने वजन को कंट्रोल में रखकर भी आप इस प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते हैं। एक्सरसाइज का सहारा लें। सिर्फ पीसीओडी ही नहीं बल्कि डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लमकोलेस्ट्रोल जैसी समस्याएं भी दूर रहेंगी।

आवश्यक सप्लीमेंट्स करें शामिल

सप्लीमेंट्स भी आपके हार्मोंन को संतुलित रखने में मददगार होते हैं और अगर हार्मोंनल संतुलन रहेगा तो पीसीओडी की समस्या कम होती जाएगी। डाक्टर की सलाह लेकर शरीर के अनुसार सप्लीमेंट्स का सेवन करें जो हार्मोंन सही करें।


 

Content Writer

Vandana